संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेगासस मुद्दे पर विपक्षी दलों का हंगामा लोकसभा और राज्यसभा में मंगलवार को भी जारी रहा। लोकसभा में जब स्थगन के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तब भी नारेबाज़ी शुरू रही, इस परस्पीकर ओम बिरला बिफर पड़े। बिरला ने नाराजगी जताते हुए सांसदों से नारेबाज़ी की प्रतियोगिता नहीं करने का आग्रह किया और कहा कि जनता की समस्याएं बताने के लिए प्रतियोगिता करें।
बिरला ने तल्ख लहज़े में कहा- आप लोग यहां नारेबाज़ी का कॉम्पेटीशन कर रहे हैं, यह जनता देख रही है। आप जनता की बात करें जो जनता चाहती है। गौरतलब है कि हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को पहले 11:45 बजे और फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई। लोक सभा में विपक्षी सांसदों के नारेबाजी के बीच स्पीकर ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप सदन में नारेबाजी का कम्पटीशन मत करो, यह सब देश की जनता देख रही है।
उन्होंने कहा सदन में आपको जनता की समस्याएं बताने के लिए कंपटीशन (Competition) करनी चाहिए। इस बीच सरकार की तरफ से अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे के वह लेटर दिखाए गए जिसमें उन्होंने कोरोना पर संसद का सत्र बुलाने और चर्चा की मांग की थी लेकिन अब चर्चा से भाग रहे हैं।
बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि अगर सदस्य चर्चा करना चाहते हैं, अपनी बात रखना चाहते हैं या अपनी कोई शिकायत व्यक्त करना चाहते हैं तो उन्हें भरपूर समय और मौका दिया जाएगा। अध्यक्ष ने कहा, ‘आप अपनी जगह पर जाएं और कार्यवाही चलने दें। मैं सरकार से बात करूंग।
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लोक सभा स्पीकर ने कहा कि अगर किसी की व्यक्तिगत पीड़ा है तो व्यक्तिगत रूप से मिल सकता है। सदस्य सामूहिक रूप से मुझसे मिल सकते हैं लेकिन संसद चलनी चाहिए क्योंकि जनता भी यही चाहती है। हमें उनकी परेशानियों को दूर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश की जनता ने आपको नारेबाजी (Sloganeering) करने के लिए और तख्तियां लहराने के लिए नहीं भेजा है।