UTI यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन जो आजकल 50% से भी अधिक महिलाओ को रहती है। UTI क्या होता और क्यों होता इससे कैसे बचा जा सकता है, इस बारे में हर महिला को पता होना बहुत ही जरूरी है।
यूरिन इन्फेक्शन बाथरूम से सम्बन्धित होती है, जब कीटाणु बाथरूम से शरीर के अंगो में चले जाते है तो वहां संक्रमण हो जाता है और इसी वजह से बाथरूम में दर्द, जलन, कमर दर्द, बुखार आदि जैसी समस्या हो जाती है। यह समस्या बढ़ कर किडनी, मूत्राशय और मूत्रनली को प्रभावित करती है।
इसका तुरंत उपचार ले लेना चाहिए अन्यथा इन्फेक्शन किडनी तक फैल जाने से समस्या गंभीर हो सकती है। एक बार यह समस्या ठीक हो भी जाये तो दुबारा होने की सम्भावना बनी रहती है। ऐसे में दवाइयों को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। यहाँ आज हम इसी समस्या के बारे बतायेंगे तो आइये जानते है इस बारे में…
यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण
– पेशाब करते समय जलन या दर्द होना।
– बार बार तेज पेशाब आने जैसा महसूस होता है, लेकिन मुश्किल से थोड़ी सी पेशाब आती है ।
– नलों में, पीछे पीठ में या पेट के साइड में दर्द होना।
– गंदला सा, गहरे रंग का, गुलाबी से रंग का, या अजीब से गंध वाला पेशाब होना।
– थकान और कमजोरी महसूस होना।
– उलटी होना, जी घबराना।
– बुखार या कंपकंपी ( जब इन्फेक्शन किडनी तक पहुँच जाता है ) होना।
यूरिन इन्फेक्शन के कारण
– यूरिन इन्फेक्शन होने का मुख्य कारण E,COLI बेक्टीरिया जो की आंतो में पाया जाता है। ये बेक्टीरिया गुदा द्वार से निकल कर मूत्रमार्ग, मूत्राशय या किडनी में फ़ैल सकते है।
– यौन सम्बन्ध के माध्यम से से भी मूत्रनली में संक्रमण पैदा हो सकता है क्योकि इस समय सफाई का ध्यान नहीं रखना इसका बहुत बड़ा कारण होता है।
– महिलाओं द्वारा फेमिली प्लानिंग के उद्देश्य से योनि में लगाए जाने वाले डायाफ्राम के कारण यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है।
– डायबिटीज, मोटापा या अनुवांशिकता भी यूरिन में इन्फेक्शन होने का कारण हो सकते है।
– गर्भावस्था में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के बढ़ने के कारण मूत्राशय और मूत्र नली में संकुचन की क्षमता कम हो जाती है। इस वजह से मूत्राशय के सही प्रकार से काम न कर पाने के कारण यूरिन इन्फेक्शन हो जाता है।
– मेनोपॉज के समय एस्ट्रोजन हार्मोन कम होने के कारण योनि में इन्फेक्शन बचाने वाले लाभदायक बेक्टिरिया की कमी हो जाती है। इस वजह से यूरिन इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।
– पुरुषों में डायबिटीज या प्रोस्टेट के बढ़ने के कारण यूरिन में इन्फेक्शन हो सकता है।
– बच्चों में कब्ज का बना रहना तथा मूत्राशय व मूत्रनली का सही प्रकार से काम नहीं कर पाना यूरिन इन्फेक्शन का कारण हो सकता है।
-पेशाब निकलने के लिए लंबे समय तक कैथिटर लगाए जाने से भी यूरिन इन्फेक्शन हो सकता है।
यूरिन इन्फेक्शन से बचाव के उपाय
# पानी ज्यादा पिए
यूरिन इन्फेक्शन को दूर करने के लिए सबसे उत्तम उपाय है पानी का उपयोग ज्यादा मात्रा में करना। दिन में अगर आप 2-4 गिलास ही पानी पीते है तो इस आदत को सुधारे और दिन कम से कम 10-15 गिलास पानी पीने की आदत डाले। कम पानी पीने से भी यूरिन इन्फेक्शन की सम्भावना बढ़ जाती है।
# गरम पानी से सेक करे
अगर सुजन आ रही है तो इसके लिए गर्म पानी से सेक करे। इससे सूजन और दर्द में राहत मिलेगी। करीब 10-15 मिनट तक गर्म पानी से सेक करे, यह सेक हमे आराम का अहसास कराएगा।
# अदरक का सेवन
इस समस्या को दूर करने के लिए अदरक का अधिक सेवन करे। इसका सेवन करना बेक्टीरिया का नाश और सुजन को कम करता है। इसके रस का सेवन सुबह के समय करे जो की बहुत ही फायदेमंद होता है।
# मुली का सेवन
इस समस्या से राहत दिलाने में मुली का सेवन करना बहुत ही श्रेष्ट होता है। मुली को अक्स्कर इसका रस निकाल ले फिर इसमें जीरा मिलाकर इसका सेवन सुबह और शाम दोनों ही समय करे।
# निम्बू का सेवन
यूरिन इन्फेक्शन में निम्बू का सेवन करना इस बेक्टीरिया को खत्म करने में बहुत ही सहायक है। निम्बू का सेवन आप किसी भी समय पर कर सकते है और यह बहुत ही फायदेमंद होता है।