सिगरेट (cigarette) पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सिगरेट पीने वालों को डिब्बे पर बनी तस्वीर या लिखे शब्दों से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। ये हमारे मुंह से लेकर पूरे शरीर पर बुरा असर डालती है। सिगरेट सुलगाते ही बॉडी पर उसके हार्म इफेक्ट शुरू हो जाते हैं। सिगरेट मुंह से लेकर पेट, लिवर, गले जैसे कई तरह के कैंसर का कारण बन सकती है। आज हम आपको अपने इस लेख में यह बताने जा रहे कि सिगरेट पीने से बॉडी पर क्या असर होता है…
सिगरेट पीने का मुंह पर असर
– जब आप सिगरेट जलाते हैं तो माचिस या लाइटर और सिगरेट दोनों का धुआं एक साथ मिलकर नाक की बाहरी परत को नुकसान पहुंचा सकता है।
– सिगरेट की हीट से मुंह, चेहरे और नाक की त्वचा पर भी बुरा असर पड़ता है। होंठ काले होते हैं और चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
– जब सिगरेट का धुआं मुंह में जाता है तो वह दांतों के एनामल पर जमा होकर उन्हें पीला बना देते है।
– सिगरेट का धुआं और हीट मुंह के अंदर की नाजुक स्किन को भी डैमेज करते हैं। दांतों के बीच की कैविटी में टार जमने लगता है।
– सिगरेट के धुएं में मौजूद टार आपके टेस्ट बड्स और सैलाइवा के ग्लैंड्स को ब्लॉक कर देता है। जिसकी वजह से मुंह में लार बनना कम हो जाती है और मुंह सूखने लगता है।
– टार और केमिकल्स मुंह और नाक को जोड़ने वाली नली में जमना शुरू हो जाता है इससे सांस लेने में परेशानियाँ शुरू हो जाती है।
– स्मोकिंग से मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह से बदबू आना शुरू हो जाती है
– सिगरेट का धुआं और हीट मसूड़ों को भी काला बना देता है। मसूड़ों का कैंसर तक हो सकता है।
– नाक की नली में सिगरेट के धुएं में मौजूद टार और केमिकल जमने से सूंघने की क्षमता को भी कमजोर बनाता है।
सिगरेट का गले पर असर
– सिगरेट का धुआं गले में मौजूद पतली झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है। इससे ड्रायनेस, और इरिटेशन हो सकता है।
– सिगरेट के धुएं में मौजूद फार्मेल्डीहाइड और एक्रोलीन नामक केमिकल थ्रॉट इन्फेक्शन और कैंसर का कारण बनते हैं।
– सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स वोकल कार्ड को नुकसान पहुंचाते हैं इससे आवाज पर बुरा असर पड़ता है। गले का कैंसर भी हो सकता है।
सिगरेट का विंड पाइप पर असर
– सिगरेट के धुएं से विंड पाइप में मौजूद ऑर्गन डैमेज होते हैं। इससे खांसी और लेरिंजाइटिस नामक प्रॉब्लम हो सकती है।
सिगरेट का फूड पाइप पर असर
– सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स फूड पाइप की मसल्स को डैमेज कर देते हैं। इससे पेट का एसिड गले तक पहुंचकर जलन पैदा करता है।
सिगरेट का फेफड़ों पर असर
– सिगरेट का धुआं रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा होने लगता है। इससे ब्रॉंकाइटिस, अस्थमा जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
– सिगरेट के धुएं में मौजूद टार फेफड़ों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है। इससे थकान, ब्रीदलैसनेस, सीटी जैसी आवाज आने लगती है।
– सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ब्लड में ऑक्सीजन लेवल कम कर देती है। इससे शरीर के सभी अंगों को नुकसान होता है।
– सिगरेट का धुआं जब आप इन्हेल करने के बाद वापस छोड़ते हैं तो यही प्रोसेस फिर से होती है और नुकसान डबल हो जाता है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद हानिकारक चीजें
टार : ये फेफड़ों में मौजूद इन्फेक्शन और बैक्टीरिया को रोकने वाले बालों पर जम जाता है। इसमें मौजूद केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं।
कार्बन मोनोऑक्साइड : ये खून में मौजूद ऑक्सीजन को कम करती है। इससे जल्दी थकान और कमजोरी आने लगती है। फेफड़ों की बीमारी हो सकती है।
ऑक्सीडेंट गैसें : ये गैसें ऑक्सीजन के साथ रिएक्ट करती हैं और खून को ज्यादा गाढ़ा बना देती हैं, इससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
बेंजीन : ये बॉडी के सेल्स को डैमेज करता है। कई तरह के कैंसर का कारण भी बन सकता है।
दिन के इस समय सिगरेट पीना है सबसे ज्यादा खतरनाक
सिगरेट किसी भी समय पीना सेहत को नुकसान ही पहुंचाता है, लेकिन पूरे दिन में कुछ ऐसी स्थितियां व समय भी है जिनमें अगर आपने सिगरेट या बीड़ी का सेवन किया तो सेहत पर कई गुना ज्यादा नुकसान होता है। भोजन के तुरंत बाद सिगरेट पीने से सेहत पर होने वाला बुरा प्रभाव 10 गुणा तक बढ़ जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि खाने के तुरंत बाद सिगरेट पीने से आंत और फेफड़ों का कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। भोजन करने के बाद शरीर का पाचन तंत्र सक्रिय होकर पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है।