आमतौर पर अजवाइन को खाने का स्वाद बढ़ाने और उसे डाइजेस्टिव बनाने के लिए मसाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता है। अजवाइन अपनी खुशबू की वजह से जाना जाता है। अजवाइन सिर दर्द, पेट दर्द जैसी कई समस्याओं में भी इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में इसका एक खास स्थान है, जहां इसका बीज ही नहीं, बल्कि इसकी पत्तियों (Ajwain Leaves) को भी बेहद गुणकारी माना जाता है, जिसके बारे में अकसर लोग नहीं जानते। तो चलिए आज हम आयुर्वेद के नज़रिये से अजवाइन की पत्तियों की खूबियां और उससे होने वाले फायदों के बारे में जानते है।
अजवाइन के पत्तों (Ajwain Leaves) में विटामिन के, ए और सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा भी भारी पैमाने में होती है। इसके अलग-अलग तरह के इस्तेमाल से कई समस्याओं और बीमारियों का निवारण किया जा सकता है। चिकित्सक द्वारा इसे पीड़ित को कच्चा भी खिलाया जाता है, साथ ही इसकी पत्तियों की चाय बनाकर भी दी जाती है। इसका लेप भी ज़रूरत के आधार पर लगवाया जाता है। इसके अलावा खाने में पराठे और पकौड़े भी काफी पसंद किये जाते हैं।
अजवाइन की पत्तियों (Ajwain Leaves) के फायदे
पेट दर्द का इलाज – अजवाइन की पत्तियां पेट दर्द और पेट की अन्य समस्याओं को ठीक करने में मदद करती हैं। इन पत्तों को चबाने से दर्द से राहत मिलती है और शरीर को आराम मिलता है।
सामान्य सर्दी का इलाज – अजवाइन के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाने से सामान्य सर्दी और खांसी को ठीक करने में मदद मिल सकती है। इसमें थाइमोल नामक तत्व होता है ये संक्रमण से दूर रखता है।
पाचन में सुधार – अजवाइन की पत्तियां शरीर में पाचन को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं. पाचन में सुधार के लिए दैनिक भोजन के बाद इनका सेवन किया जा सकता है। इनका इस्तेमाल भूख बढ़ाने के लिए भी किया जाता है, खासकर बच्चों में।
प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर – ये दुर्गंध को दूर करने के लिए माउथ फ्रेशनर का काम करते हैं। अजवाइन की पत्तियों को रोजाना चबाने से सांसों की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।