नई दिल्ली। हमारे आसपास के लोग अब भी सैनेटरी पैड्स को काले लिफाफे में पैक करके रखते हैं। जबकि हाइमन (Hymen) की कथा पीढ़ी दर पीढ़ी बांची जा रही है। बिना किसी वैज्ञानिक आधार के हाइमन को किसी भी लड़की के कैरेक्टर का सर्टिफिकेट मान लिया जाता है। जबकि वास्तविकता इससे बहुत अलग है। हाइमन (Hymen) और वर्जिनिटी (virginity) के सोशल टैबू के लिए इस बार डॉ. क्यूटरस यानी तनाया नरेंद्र बता रहीं हैं हाइमन के बारे में फैले हुए कुछ मिथ्स (Myths and facts about hymen) की सच्चाई।
आपके शरीर का कोई पतला सा टिश्यू इतना मजबूत नहीं है, कि वह आपकी पर्सनल लाइफ पर सवाल उठा सके। लड़की वर्जिन (virgin) है या नहीं, इसक प्रमाण अकसर हाइमन या योनि झिल्ली को मान लिया जाता है। बरसों से यह मिथ फैला हुआ है कि लड़की जब पहली बार सेक्स करती है, तो उसका हाइमन टूट जाता है। इसकी वजह से उसकी योनि से खून बहने लगता है। इसका मतलब यह लगाया जाता है कि लड़की अपनी वर्जिनिटी (virginity) खो चुकी है। जबकि सच्चाई यह है कि ऐसा हर लड़की के साथ नहीं होता।
सबसे पहले जानिए क्या है हाइमन (Hymen)
योनि के मुंह पर यानी वल्वा के ऊपर एक पतली झिल्ली होती है। इसे ही हाइमन कहा जाता है। यह सॉफ्ट टिश्यू से बनी होती है। यह वल्वा को ढके रखती है। इसकी बनावट योनि जैसी ही होती है। ऐसा माना जाता है कि योनि में पेनिट्रेट किए जाने पर हाइमन टूट जाता है। पहली बार सेक्स करने पर योनि से ब्लड निकल भी सकता है और नहीं भी।
सेक्स के कारण योनि से ब्लड फ्लो होने की कई दूसरी वजहें भी हो सकती हैं। सेक्स के लिए पूरी तरह तैयार न होने पर, मन में किसी प्रकार का स्ट्रेस होने पर तथा इंफेक्शन से भी योनि से ब्लड निकल सकता है। हाइमन संबंधी कई मिथ्स हैं, जिनके बारे में सही जानकारी होना हर लड़की के लिए जरूरी है।
हाइमन (Hymen)योनि के मुंह को पूरी तरह बंद रखता है
ये सबसे बड़ा मिथ है। यदि हाइमन योनि के मुंह को पूरी तरह बंद रखता, तो पीरियड ब्लड बाहर रिलीज नहीं हो पाता। कुछ लड़कियों में यह दिक्कत होती है। उनकी योनि हाइमन से पूरी तरह ढकी होती है। जिसके लिए उन्हें ऑपरेशन से योनि का मुंह खुलवाना पड़ता है।
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हाइमन (Hymen) सिर्फ पेनिट्रेशन के लिए बना है
ऐसा माना जाता है कि हाइमन सिर्फ पेनिस के लिए बना होता है, जो पेनिट्रेशन के बाद फट जाता है। हाइमन का पेनिट्रेशन से कोई मतलब नहीं होता है। कई बार सेक्स करने पर भी यह फैल जाता है, फटता नहीं।
पहली बार सेक्स पर ब्लीडिंग न होने का मतलब है हाइमन पहले खुल चुका है
यह बिल्कुल गलत है। कई बार टैम्पोन, सेक्स टॉय या उंगली डालने पर भी हाइमन फट जाता है। पहली बार सेक्स करने पर हाइमन में खिंचाव हो सकता है, जिससे दर्द या ब्लीडिंग हो सकती है। बाइक चलाने या फिर साइकिलिंग करने से भी हाइमन खुल जाता है। यह एक नाजुक झिल्ली है, जो एक बार टूटने के बाद दोबारा नहीं जुड़ती।
पहली बार सेक्स करने पर हाइमन (Hymen) टूटता है
हाइमन कभी टूटता नहीं है। हाइमन एक टिश्यू है। टिश्यू में कट लग सकता है। यह फैल सकता है या अंदर की ओर जा सकता है, लेकिन यह टूटता नहीं है। एस्ट्रोजन हार्मोन हाइमन की इलास्टिसिटी को बरकरार रखता है। यह सेक्स के बाद अंदर भी जा सकता है। उम्र, सेक्स और एक्सरसाइज के अलावा, प्रेगनेंसी के बाद हाइमन फैल जाता है।
वर्जिनिटी (virginity) की पहचान है हाइमन (Hymen)
ऊपर वाले 4 फैक्ट ने कम से कम इस पांचवें मिथ को तो तोड़ ही डाला होगा। असल में हाइमन की स्थिति से किसी भी लड़की या महिला की वर्जिनिटी (virginity) के बारे में नहीं बताया जा सकता है। हाइमन को देखकर गायनेकोलॉजिस्ट के लिए भी आपकी सेक्स एक्टिविटी के बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल है। इसलिए हाइमन और वर्जिनिटी इन दोनों में जितना कम उलझें उतना बेहतर।