आज तक से बातचीत के दौरान कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सरकार पर बरस पड़े। बातचीत के दौरान टिकैत ने कहा कि सरकार ने कृषि कानूनों को लेकर बातचीत के लिए कई शर्तें किसानों के आगे रख दी हैं जो गलत है। टिकैत ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब जज वकील बनकर पैरवी करेंगे तो सजा तो होनी ही है। उन्होने आगे कहा कि किसान था, है और रहेगा। सरकार का तो अता-पता भी नहीं है कि कल रहेगी या नहीं।
इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा भी मौजूद थे, उन्होंने कहा कि सरकार ने बड़ी विनम्रता से किसानों से आग्रह किया है कि वे कृषि कानूनों के हर क्लॉज को लेकर सरकार से बात करें। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में बने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान गत नवंबर से ही दिल्ली की सीमा पर तीन स्थानों- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर- पर प्रदर्शन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा करीब 40 किसान संगठनों का सामूहिक मंच है, जो केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है।
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गौरतलब है कि आज से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है और 13 अगस्त को इसके समापन की तारीख तय की गई है। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों ने रणनीति बनाई है। आज केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गई।