कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र से एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है जहां एक किसान ने सोलापुर कलेक्टर से गांजा उगाने की परमिशन मांगी है । किसान अनिल पाटिल ने जिला प्रशासन को भेजे पत्र में लिखा- किसी भी उपज का निश्चित मूल्य नहीं है लेकिन गांजे की अच्छी कीमत मिलती है। जिला प्रशासन ने पाटिल के पत्र को पुलिस के पास भेज दिया, पुलिस ने आवेदन देखने के बाद कहा ये सिवाय पब्लिसिटी स्टंट के कुछ नहीं है।
पाटिल ने पत्र में ये भी लिखा कि अगर 15 सितंबर तक दो एकड़ जमीन पर गांजा उगाने की परमिशन नहीं मिली तो 16 सितंबर से खेती शुरु कर दूंगा। वहीं मोहोल पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक अशोक सैकर ने कहा- पाटिल अगर गांजे की खेती करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किसान का कहना है कि गांजे की मार्केट वैल्यू ज़्यादा है। ज़िला प्रशासन ने ये आवेदन पत्र पुलिस को भेज दिया और पुलिस ने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया। Narcotic Driges and Psychotropic Substances (NDPS) Act के तहत कैनाबिस की खेती ग़ैरक़ानूनी है।
सोलापुर जिले में मोहोल तहसील के किसान अनिल पाटिल ने बुधवार को सोलापुर जिला कलेक्टर को भेजे अपने आवेदन में कहा कि किसी भी फसल के लिए कोई निश्चित मूल्य नहीं है, खेती मुश्किल हो गई है। लागत निकालना भी असंभव है, इसलिए कृषि व्यवसाय घाटे में चल रहा है। इसे घाटे से उबरने के लिए उसे गांजे की खेती करने दिया जाए।
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अनिल पाटिल के मुताबिक, चीनी मिलों को बेचे गन्ने के बकाये का भुगतान नहीं किया गया है। बाजार में गांजे की अच्छी कीमत मिलने का दावा करते हुए पाटिल ने अपनी दो एकड़ जमीन पर इसकी खेती करने की अनुमित मांगी है।