केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ लगा रहे हैं। इस बीच मीडिया से बात करते हुए कुछ किसान नेताओं ने अंदेशा जताया है कि सरकार किसान नेताओं के फोन की भी जासूसी कर रही है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा- मौजूदा सरकार अनैतिक सरकार है। हमें शक है कि हमारे फोन नंबर भी उस सूची में शामिल हैं।
उन्होंने कहा- सरकार इस पूरी जासूसी के पीछे है। आंदोलन फिर तेज हो रहा है तो जाहिर है कि सरकार हमारे नंबर पर नजर रख रही होगी। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा- वर्ष 2020-21 के डेटा में किसान नेताओं के फोन नंबर हो सकते हैं। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान नेताओं के फोन नंबर साल 2020-21 के आंकड़ों में मिलेंगे। यादव बोले, ‘जब यह आंकड़ा सार्वजनिक होगा, निश्चित तौर पर हमारे नंबर भी मिलेंगे।’
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यादव ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सरकार को यह दिखाने के लिए जंतर-मंतर पर आए हैं कि किसान मूर्ख नहीं हैं। ब्रिटेन की संसद में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन भारत की संसद में नहीं। यादव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानूनों के विरोध में किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर बहस के लिए जोर दिया। किसान नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि उन्होंने सभी सांसदों को अपनी मांगें उठाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन आरोप लगाया कि संसद उनके मुद्दों को नहीं उठा रही है।