कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के धरनास्थल पर पहुंचकर बिना बोले ही वापस लौटने का मामला सामने आया है। हरियाणा के जींद जिले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंचे चौटाला को किसानों को संबोधित करने के लिये माइक नहीं दिया गया। धरना स्थल पर पहुंचते ही चौटाला का स्वागत किया गया और मंच के सामने बैठने के लिए कुर्सी दी गई लेकिन उन्हें माइक नहीं दिया इससे नाराज चौटाला वापस लौट गए।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का यहां आने का कार्यक्रम एक सप्ताह पहले ही तय हो चुका था ।संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पहले ही इनेलो को अवगत करा दिया था कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल के नेता को मंच साझा नहीं करने दिया गया है आगे भी नहीं करने दिया जाएगा। बता दें कि ओपी चौटाला कुछ देर तक माइक के इंतजार में खड़े भी रहे। ओपी चौटाला को उनके पोते कर्ण चौटाला ने कुछ देर तक मंच पर सहारा देकर खड़े रखा, लेकिन किसानों ने उन्हें संबोधित नहीं करने दिया।
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कुछ किसानों ने संबोधन के पक्ष में आवाज उठाई तो असमंजस की स्थिति बन गई। आधे घंटे तक टोल पर यह ड्रामा चलता रहा। संबोधन न करने से ओपी चौटाला नाराज दिखे. वहीं किसानों का कहना है कि किसी भी राजनेता को मंच से संबोधित नहीं करने दिया जाएगा। दरअसल, चौटाला का खटकड़ टोल पर कार्यक्रम एक सप्ताह पहले ही तय हो गया था। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों कैप्टन भूपेंदर व सतबीर बरसोला ने बताया कि उन्होंने पहले ही इनेलो के स्थानीय नेताओं को अवगत करा दिया था कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल के नेता को यहां मंच साझा नहीं करने दिया गया है। चौटाला साहब को भी मंच व माइक साझा नहीं करने दिया जाएगा।