किम जोंग उन ने कोरिया प्रायद्वीप में तनाव के लिए अमेरिका को ठहराया जिम्मेदार 

392 0

सियोल। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अमेरिका को कोरिया प्रायद्वीप में तनाव के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जानकारी के मुताबिक, किम जोंग उन ने कहा कि अस्थिरता की मुख्य वजह अमेरिका है। किम जोंग ने यह बयान डिफेंस की प्रदर्शनी के दौरान भाषण के दौरान दिया है। गौरतलब है कि किम जोंग का यह बयान लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल के परीक्षण के कुछ दिनों के बाद आया है।

किम जोंग उन ने ‘सेल्फ-डिफेंस 2021’ प्रदर्शनी में कहा, मैं ये जानने के लिए बहुत उत्सुक हूं कि क्या ऐसे लोग या देश हैं, जो खुद ये मानते हैं कि उनके किए कार्यों में शत्रुता रखने जैसा कोई इरादा नहीं है। किम जोंग उन ने कहा कि अमेरिका जो करता है और कहता है उसमें बिल्कुल भी समानता नहीं है, यह कतई नहीं लगता है कि अमेरिका की उत्तर कोरिया से शत्रुता नहीं है। दोनों देशों के पीछे तनाव की दूसरी वजह दक्षिण कोरिया भी है, जो अमेरिका का करीबी सहयोगी है लेकिन उत्तर कोरिया का कट्टर दुश्मन है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने सियोल (दक्षिण कोरिया की राजधानी) में अपने 28,500 सैनिकों को तैनात किया है, ताकि उत्तर कोरिया से लड़ाई के वक्त दक्षिण कोरिया की रक्षा की जा सके। इस मामले में किम ने कहा, ‘सैन्य शक्ति को मजबूत करने के अप्रतिबंधित और खतरनाक प्रयास कोरियाई प्रायद्वीप पर सैन्य संतुलन को नष्ट कर रहे हैं और सैन्य अस्थिरता और खतरे को बढ़ा रहे हैं।

बता दें कि साल 2017 में उत्तर कोरिया ने ऐसी मिसाइलों का परीक्षण किया था, जो पूरे अमेरिका महाद्वीप तक पहुंच सकती हैं और अब तक के अपने सबसे शक्तिशाली परमाणु विस्फोट को अंजाम दे सकती हैं। इसके साथ ही प्योंगयांग का कहना है कि उसे अमेरिकी आक्रमण से खुद को बचाने के लिए हथियारों की आवश्यकता है। जबकि जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद बार-बार कहा है कि अमेरिका का उत्तर कोरिया से दुश्मनी का कोई इरादा नहीं है।

किम ने ऐसे वक्त पर भाषण दिया है, जब हाल ही में उत्तर कोरिया ने ट्रेन से पहली बार लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया है. इसे एक हाइपरसोनिक वारहेड बताया गया है। साल 2018 में किम ऐसे पहले उत्तर कोरियाई नेता भी बने थे, जो सिंगापुर शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति से मिले थे। इस दौरान ये शर्त रखी गई कि अगर उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ दे, तो अमेरिका उसपर लगे प्रतिबंधों को हटा देगा। लेकिन हनोई में हुई दूसरी वार्ता के बाद से बातचीत अब तक अवरुद्ध है। वहीं बाइडेन प्रशासन का कहना है कि वह कभी भी किसी भी समय बिना पुरानी शर्तों को ध्यान में रखे परमाणु निरस्त्रीकरण की कोशिशों के तहत उत्तर कोरियाई नेताओं के साथ मिलने को तैयार है।

Related Post

Yogi Cabinet

छोटे उद्यमियों को तोहफा, दुर्घटना में मौत या विकलांगता होने पर परिजनों को पांच लाख रुपये देगी योगी सरकार

Posted by - June 28, 2023 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई (MSME) सेक्टर को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार (Yogi Government) ने अब सूक्ष्म उद्यमियों को…
Atal Residential Schools

अटल आवासीय विद्यालयों में हुआ सत्रारंभ, श्रमिकों के सपने हुए साकार

Posted by - September 11, 2023 0
लखनऊ। माता-पिता की आंखों में आँसू, बच्चों के खिलखलाते चेहरे और हाथ में माला लेकर स्वागत करते शिक्षक। ये नजारा…
CS Upadhyay

संविधान के अनुच्छेद 348 में संशोधन की मांग को लेकर देश भर में कराए जा रहे हैं हस्ताक्षर

Posted by - September 27, 2024 0
आगरा। ‘हिन्दी से न्याय’ इस देशव्यापी-अभियान के नेतृत्व-पुरुष एवम् प्रख्यात न्यायविद् चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS Upadhyay) अपने छठवें अखिल…
बाबू सिंह कुशवाहा

बाबू सिंह कुशवाहा जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए

Posted by - November 17, 2019 0
लखनऊ।  जन अधिकार पार्टी के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का समापन पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा ने किया। शनिवार…