लखनऊ। केजीएमयू के अस्थि शल्य विभाग के डॉक्टरों ने एक मरीज को नया जीवन दिया है। डॉक्टरों ने मरीज के दोनों घुटने और कूल्हे का प्रत्यारोपण किया है। डॉक्टरों का दावा है कि यह मरीज 10 साल से बिस्तर से पर ही था। चलने-फिरने और बैठने तक से लाचार हो गया था। अब मरीज प्रत्यारोपण के बाद अपने पैरों पर फिर से चल सका है। इस मरीज के प्रत्यारोपण में बहुत कम खर्च आया है।
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10 साल बाद अब अपने पैरों पर चल सकेगा सुरेंद्र कुमार
केजीएमयू अस्थि शल्य विभाग के जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ एडिशनल प्रो. डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि कन्नौज निवासी सुरेंद्र कुमार (55) को 10 साल से एन्काइलोसिंग स्पॉन्डलाइटिस बीमारी थी। मरीज 10 साल से बिस्तर पर था। करवट तक नहीं ले पाता था। उठने, बैठने और चलने तक से लाचार था। परिवारीजन मरीज का बिस्तर पर भोजन, शौच आदि कराते रहे हैं।
केजीएमयू के अस्थि शल्य विभाग के डॉक्टर ने बचाई जान
डॉ. नरेंद्र ने अपनी टीम के साथ सुरेंद्र के दोनों कूल्हे और घुटनों का प्रत्यारोण किया है। डॉ. नरेंद्र दो माह पहले ही अमेरिका में आयोजित कार्यशाला में रिप्लेशमेंट सर्जरी के दौरान भारत में अपनाई जाने वाली तकनीक पर व्याख्यान भी देकर लौटे थे। डॉक्टर का दावा है कि मरीज अब अपने पैरों पर चलने-फिरने के साथ शौच तक जाने लगा है।