हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से कांवड़ियों को बॉर्डर पर ही बोतलों में गंगाजल उपलब्ध कराने का काम शुरू हो गया है। हालांकि, पहले दिन सिर्फ भगवानपुर के काली नदी और मंडावर चेक पोस्ट पर ही लोग गंगाजल लेने पहुंचे। नारसन और खानपुर बॉर्डर पर गंगाजल के टैंकर तो खड़े हैं, लेकिन कोई गंगाजल नहीं आया। भगवानपुर के बॉर्डर पर कांवड़ियों ने इस मुहिम की सराहना की।
कांवड़ मेला प्रतिबंधित होने के बाद भी सावन में दूसरे राज्यों के श्रद्धालु गंगाजल और कांवड़ लेने हरिद्वार का रुख कर रहे हैं। नारसन, भगवानपुर के काली नदी और मंडावर चेक पोस्ट व खानपुर क्षेत्र के बॉर्डर पर पुलिस-प्रशासन को कांवड़ियों को लौटाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
सरकार का दावा- इकोनॉमी पर असर नहीं डालेगी तीसरी लहर, स्वामी बोले- अगर हुआ तो इस्तीफा देंगे?
ऐसे में जिला प्रशासन ने शुक्रवार से बॉर्डर पर ही गंगाजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था शुरू कर दी। सुबह ही सभी बॉर्डर और चेक पोस्ट पर गंगाजल से भरे टैंकर पहुंचा दिए गए। पहले दिन भगवानपुर के काली नदी और मंडावर चेक पोस्ट पर पंजाब, हरियाणा के 306 शिवभक्तों को टैंकर से निकालकर बोतलों में 500 एमएल गंगाजल दिया गया। प्रशासन की इस मुहिम से बाहरी राज्यों के श्रद्धालु खुश हैं। हालांकि, उन्हें हरिद्वार से जल न भरकर ले जाने का दुख भी है। वहीं, नारसन बॉर्डर पर शाम तक कोई भी गंगाजल लेने नहीं पहुंचा।