कश्मीर सूफी संतों की भूमि है। सैयद सिमनानी, जिन्होंने शांति को बढ़ावा देने और हिंसा को हराने के लिए खून और पसीना बहाया है, ऐसे सूफी संतों की भूमि में किसी भी तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। यहां आतंकियों और उनके समर्थकों के लिए कोई दया नहीं होगी। प्रशासन कश्मीर में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ये बातें जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कुलगाम जिले में रविवार को एक समारोह के दौरान कहीं।सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन सूफी संतों की दृष्टि को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कश्मीर की संस्कृति और विकास की राह बाधक बनने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। मैं धर्म गुरुओं से अपनी भूमिका निभाने और अभिभावकों से बच्चों पर नजर रखने का आग्रह करता हूं ताकि वे गलत रास्ते पर न चलें।
दुर्भाग्य से कुछ तत्व और पड़ोसी देश शांति को बढ़ावा नहीं देना चाहता है। लेकिन कश्मीर में हम हिंसा को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।उप-राज्यपाल ने कहा कि जिन युवाओं ने गलत रास्ता चुना है, उन्हें हिंसा से दूर रहना चाहिए और बड़े बदलाव में शामिल होना चाहिए। जो लोग युवाओं को हिंसा की ओर धकेल कर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, वे कश्मीर के सैकड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
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इस दौरान उप-राज्यपाल ने एक रिक्शा चालक के बेटे तनवीर खान की प्रशंसा की। तनवीर ने भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) पास कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। तनवीर ने न केवल कुलगाम बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर के लोगों को गौरवान्वित महसूस कराया। युवाओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके नक्शेकदम पर चलना चाहिए और बेहतर भविष्य चुनना चाहिए।