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विभिन्न मोर्चों पर आगे बढ़ रहा कानपुर आईआईटी : मुख्य सचिव

Durga Shankar Mishra

Durga Shankar Mishra

कानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव व आईआईटी कानपुर (Kanpur IIT) के पूर्व छात्र रहे दुर्गा शंकर मिश्रा (Durga Shankar Mishra) शनिवार को कानपुर आईआईटी पहुंचे। उन्होंने कहा कि अब मैं देख रहा हूं कि अनुसंधान और विकास सुविधाओं में पहले की तुलना में आईआईटी में बहुत कुछ बदलाव हो गया है। इसी का परिणाम है कि कानपुर आईआईटी रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य व अन्य तकनीकी शोधों के साथ विभिन्न मोर्चों पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में शनिवार को इंडियन गवर्नेंस समिट 22 का उद्घाटन हुआ। यह उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और कानपुर आईआईटी पूर्व छात्र रहे दुर्गा शंकर मिश्रा (Durga Shankar Mishra) ने किया। उन्होंने संस्थान की कुछ महत्वपूर्ण अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं से परिचित होने के लिए सी3आई हब, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ड्रोन और नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स का दौरा भी किया।

सी3आई हब में उन्हें ई-गवर्नेंस के लिए आईआईटी कानपुर में विकसित ब्लॉकचेन तकनीक दिखाई गई। बताया गया कि राष्ट्रीय ब्लॉकचैन परियोजना के हिस्से के रूप में आईआईटी कानपुर ने ई-गवर्नेंस सेवाओं के लिए यूपी और कर्नाटक राज्य सरकारों के साथ गठजोड़ किया है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ड्रोन में आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अभिषेक ने मुख्य सचिव को ड्रोन के लिए ईंधन सेल विकास के साथ-साथ ड्रोन की सहनशक्ति, ऊंचाई और भार क्षमता का प्रदर्शन किया। कोविड के दौरान वैक्सीन और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन भी दिखाए गए। मुख्य सचिव ने नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स में विकसित प्रिंट करने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स और लिखने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट का जायजा भी लिया।

11 लाख से अधिक लाभार्थियों को मिल चुके हैं मकान

मुख्य सचिव (Durga Shankar Mishra) ने कहा कि आज की लोक नीति केवल योजना बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि कार्यान्वयन के बारे में है। आज के भारत में सार्वजनिक नीतियों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाना महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन पर कहा कि वर्तमान सरकार के तहत योजना की स्वीकृति की गति में काफी वृद्धि हुई है और अब तक 11 लाख से अधिक लाभार्थियों को मकान मिल चुके हैं और लाभार्थियों को 13 लाख से अधिक आवास स्वीकृत किये जा चुके हैं।

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