नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा मामले में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पुलिस ने बताया कि इस हिंसा में शामिल नौ आरोपी छात्रों की पहचान कर ली गई है। इनमें जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष, एक काउंसलर समेत सभी जेएनयू के छात्र हैं। आरोपियों में आईशी घोष समेत सात वामपंथी संगठन से और दो एबीवीपी से जुड़े हैं। पुलिस ने सबूत के तौर पर इनके पोस्टर भी जारी किए हैं।
Joy Tirkey, DCP/Crime:A large majority of students want to register but the mentioned groups and their sympathizers are not allowing students to do the same. #JNUViolence https://t.co/X241a4JrYm
— ANI (@ANI) January 10, 2020
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंघावा ने कहा कि कुछ दिनों से देखा जा रहा था कि मीडिया में गलत सूचनाएं चल रही थीं। इन सूचनाओं को देखकर केस के बारे में अपडेट देने के लिए यह प्रेसवार्ता बुलाई है। उन्होंने कहा कि हिंसा मामले में ज्यादातर छात्र जेएनयू के हैं। उन्होंने कहा कि मामला बहुत ही संवेदनशील है। लिहाजा जांच में छात्रों के भविष्य को भी ध्यान में रखा जा रहा है। फिलहाल इस केस की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है।
वहीं, क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉक्टर जॉय टिर्की ने बताया कि मीडिया में जो खबरें चल रही हैं वो पांच जनवरी की चल रही हैं, लेकिन मैं आपको थोड़ा पीछे लेकर जाता हूं। उन्होंने बताया कि जेएनयू में चार छात्र संगठन एआईएसएफ, एआईएसए, एसएफआई और डीएसएफ विंटर सेशन के रजिस्ट्रेशन के खिलाफ थे। इन चारों छात्र संगठनों के लोगों ने तीन जनवरी को सर्वर से छेड़छाड़ की। सर्वर को जबरदस्ती बंद कर दिया। वहां मौजूद कर्मियों से धक्का-मुक्की की। बाद में सर्वर को री-स्टोर कर दिया गया।
चार जनवरी को फिर कुछ छात्र सर्वर रूम में घुसे और इस बार सर्वर को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। इसकी वजह से रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस ठप पड़ गया। इसके बाद पांच जनवरी को रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों के साथ मारपीट की गई। इन्ही लोगों ने पेरियार हॉस्टल में जाकर छात्रों को पीटा।
जॉय टिर्की ने बताया कि सर्वर खराब कर देने की वजह से कैंपस के सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। ऐसे में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज नहीं मिल पाई। कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं। जांच टीम के पास करीब 30 से 32 ऐसे गवाह हैं जिससे पुलिस ने बात की थी। हालांकि इनमें से किसी ने वीडियो नहीं बनाया। इसके अलावा कैंपस में हिंसा के समय कुछ व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे। रविवार को शाम सात बजे हिंसा के समय यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नाम से व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इस ग्रुप में करीब 60 सदस्य हैं और योगेंद्र भारद्वाज इसका एडमिन है।
- चुनचुन कुमार: जेएनयू के पूर्व छात्र हैं और जेएनयू में ही रहते हैं।
- पंकज मिश्रा: माही-मांडवी हॉस्टल में रहते हैं।
- आइशी घोष: जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष।
- भास्कर विजय: छात्र।
- सुजेता तालुकदार: जेएनयू स्कूल पार्षद
- प्रिया रंजन: तृतीय वर्ष का छात्र
- डोलन सांवत: छात्र
- योगेन्द्र भारद्वाज: पीएचडी, संस्कृत, ये जेएनयू हिंसा के समय बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट के एडमिन हैं।
- विकास पटेल: कोरियन भाषा से एमए कर रहे हैं।