नई दिल्ली। जेएनयू हिंसा पर दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेएनएसयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्रों को आरोपी बनाया है। इस पर पलटवार करते हुए आइशी घोष ने कहा कि हमने ही शिकायत की और हम पर ही ठीकरा फोड़ा जा रहा है।
दिल्ली पुलिस के सबूत दिखाने की बात पर आइशी ने कहा कि उसके पास भी सबूत हैं। उन्होंने कहा कि एक तरह से हमारे ऊपर ही आरोप लगाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस के बोलने से कोई संदिग्ध नहीं हो जाता है। उनके पास सबूत भी होने चाहिए।
JNUSU president Aishe Ghosh: I have full faith in the law & order of this country that investigation will be fair. I will get justice. But why is Delhi Police bias? My complaint has not been filed as an FIR. I have not carried out any assault. https://t.co/qMIzyrBlbv
— ANI (@ANI) January 10, 2020
आइशी ने आगे कहा कि अगर उनके पास कोई ऐसे सबूत हैं, जहां मैं लाठी या रॉड लिए दिख रही हूं या मारपीट कर रही हूं तो उसे दिखाएं। हमले के वक्त पुलिस मूकदर्शक बन कर खड़ी रही। उन्होंने कहा कि उन्हें न प्रॉक्टर पर भरोसा है और न ही कुलपति पर।
मानव संसाधन मंत्रालय के साथ बैठक
जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों ने शुक्रवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे से भी मुलाकात की। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि उन्होंने भरोसा जताया है कि इस मामले में सकारात्मक तरीके से हस्तक्षेप करेंगे और जल्द ही सर्कुलर जारी करेंगे।
वीसी को पद से हटाने की मांग
छात्र संघ अध्यक्ष ने जेएनयू के वीसी को तुरंत पद से हटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय नहीं चला पा रहे हैं, इसलिए उन्हें पद से हटा देना चाहिए। हमें एक ऐसे वीसी की जरूरत है, जो कैंपस में शांति व्यवस्था ला सके।
आइशी घोष बोलीं-कानून व्यवस्था पर भरोसा
आइशी घोष ने दावा किया कि उन्होंने या उनके साथियों ने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम दिल्ली पुलिस ने नहीं डरते हैं और हम लोकतांत्रितक तरीके से अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।