रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में बड़ी बेबाकी और स्पष्टता से अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि पांच साल जनता की सेवा और जनता ही मालिक है।
झारखंड पर लगे गरीबी के कलंक को मिटाए बगैर चैन से नहीं बैठेंगे
विपक्षी दलों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि झारखंड को लूटने वाले एकत्र हो गए हैं, लेकिन उनकी यहां दाल गलने वाली नहीं है। रघुवर दास ने कहा कि झारखंड राज्य के गठन से लेकर अब तक हुए बदलाव से वे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैैं। वह कहते हैं कि झारखंड पर लगे गरीबी के कलंक को मिटाए बगैर चैन से नहीं बैठेंगे।
खुद को झारखंडियों का मसीहा बताने वाले भी यह सार्वजनिक कर दें कि उनके पास कितनी जमीन और मकान है?
झारखंड के मुख्यमंत्री ने एलान किया कि उनके पास जमशेदपुर में सिर्फ एक मकान है। इसके अलावा पूरे झारखंड में एक इंच जमीन नहीं है। इसके साथ विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहते कि खुद को झारखंडियों का मसीहा बताने वाले भी यह सार्वजनिक कर दें कि उनके पास कितनी जमीन और मकान है? उन्होंने कहा कि हेमंत परिवार समेत किसी की इतनी हिम्मत नहीं है, क्योंकि ऐसा करेंगे तो जनता के सामने बेनकाब हो जाएंगे।
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कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 2014 में जनता ने नकार दिया
रघुवर दास ने कहा कि विपक्ष को झूठ और भ्रम फैलाने से बाज आना चाहिए। उनको यह बताना चाहिए कि सरकार ने किसकी जमीन छीनी है? उन्होंने कहा कि किसी के पास इसका सबूत है तो आकर मुझे बताए। कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 2014 में जनता ने नकार दिया था। अब इनकी दाल गलने वाली नहीं है। यह गोला का रहने वाला सोरेन परिवार दुमका, साहिबगंज, गोड्डा में कैसे जमीन का मालिक बन गया? रांची में दारू पिलाकर एक आदिवासी लालू उरांव की जमीन ले ली। उसपर सोहराय भवन बना दिया। सबकी जांच चल रही है।
रघुबर दास ने कहा कि हम 65 प्लस सीटों का अपना लक्ष्य प्राप्त करेंगे
रघुबर दास ने कहा कि बीजेपी गठबंधन धर्म का पालन करती है। हमने बहुत कोशिश की, लेकिन हमारे गठबंधन के साथी दल आजसू पार्टी की इच्छा ज्यादा सीटों पर लडऩे की थी। इसलिए उन्होंने ये रास्ता चुना। लोकतंत्र में सभी को इसका अधिकार है। अब, जनता इस पर निर्णय लेगी। लोकतंत्र में जनता ही असली मालिक है। रही बात चुनाव के बाद के विकल्प की, तो राजनीति में सारे दल अपने विकल्प खुले रखते हैैं। हम 65 प्लस सीटों का अपना लक्ष्य प्राप्त करेंगे।
लोकतंत्र में सबको अधिकार है चुनाव लडऩे का
यह सरासर गलत आरोप है कि भाजपा में एक व्यक्ति निर्णय नहीं लेता। चुनाव समिति को तीन-तीन नाम का पैनल बनाकर यहां से भेजा गया था। एक-एक नाम पर चुनाव समिति ने चर्चा कर समीकरण पर बात हुई। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से जीत को लेकर निश्चिंत होने के बाद ही उम्मीदवार के नाम की घोषणा की गई। रघुबर दास ने बताया कि सरयू राय का नाम तो पैनल में ही नहीं था। लोकतंत्र में सबको अधिकार है चुनाव लडऩे का। दिल्ली का रहने वाला भी मेरे क्षेत्र में आकर चुनाव लड़ रहा है ।
रघुबर दास ने कहा कि मैैं स्पष्ट बोलता हूं भी तो यही वजह है कि मेरे कार्यकर्ता मुझे अच्छी तरह जानते और समझते हैैं। वे मुझसे प्यार करते हैैं। वे संगठन की पूंजी हैैं। कार्यकर्ताओं के बल पर ही भाजपा खड़ी हुई है। यहां कोई वंशवाद नहीं चलता। मैैं मजदूर था, मेरे पिता मजदूर थे। मैने कभी नहीं सोचा था कि एमएलए बनूंगा। आज मुख्यमंत्री के पद पर हूं तो संगठन की बदौलत हूं संगठन से बढ़कर कुछ नहीं है।