रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी गठबंधन के मुखिया हेमंत सोरेन ने कहा कि वह राजनीतिक गुणा-भाग में यकीन नहीं करते ह। वह योद्धा हैं और उसी ही तरह लड़ेंगे। इसके साथ ही वर्तमान बीजेपी सरकार से सवाल किया कि यदि हमारे परिवार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी हैं, तो पांच साल से यह सरकार कर क्या रही थी?
मुख्यमंत्री पांच साल में अपने गृह जिले को राजधानी से नहीं जोड़ पाए , दावा करते हैं विकास की गंगा बह रही है
उन्होंने कहा कि उनके पास सबूत हैं तो वह उसे सामने क्यूं नहीं लाते? विशेष जांच दल (एसआइटी) की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं करते? हेमंत सोरेन ने कहा कि हम बीजेपी की तरह राजनीति नहीं करते है। यह बात हेमंत सोरेन ने एक दैनिक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में कहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत ने कहा कि इससे खराब सरकार प्रदेश में कभी नहीं रही है। मुख्यमंत्री पांच साल में अपने गृह जिले को राजधानी से नहीं जोड़ पाए हैं, दावा करते हैं विकास की गंगा बह रही है।
पता कीजिए कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर कौन जमीन की खरीद-फरोख्त कर रहा है?
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तो पूरे विपक्ष को चुनौती दी है, उनका दावा है, जमशेदपुर में सिर्फ एक मकान है, बाकी कहीं एक इंच भी जमीन नहीं है। विपक्षी नेता भी अपनी संपत्ति घोषित करें? हेमंत ने कहा कि पता कीजिए कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर कौन जमीन की खरीद-फरोख्त कर रहा है? दरअसल हम कमर के नीचे वार नहीं करते। हम व्यक्तिगत चीजों पर राजनीति नहीं करते। हमारा विश्वास नकारात्मक राजनीति में नहीं है।
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पांच साल की डबल इंजन की सरकार में ये रांची-टाटा हाइवे तो बना नहीं पाए
हेमंत ने कहा कि हमारे सीएम को यह तक नहीं पता है कि महेंद्र सिंह धोनी कौन सा खेल खेलते हैैं तो वे क्या बोलेंगे? सड़क बनना एक सतत प्रक्रिया है। मत बनाइए तब पता चलेगा? पांच साल की डबल इंजन की सरकार में ये रांची-टाटा हाइवे तो बना नहीं पाए। सड़क ऐसी है कि गर्भवती स्त्री गुजरे तो प्रसव हो जाए। जमशेदपुर अपने घर जाने के लिए जितना इन्होंने हेलीकाप्टर पर खर्च किया है, उतने में तो ठीक से चलने लायक यह सड़क बन ही जाती।
हम राजनीतिक योद्धा हैं, जीतने के लिए लड़ते हैं
हरियाणा, महाराष्ट्र चुनाव के बाद विपक्षी गठबंधन के मुखिया हेमंत सोरेन काफी आशावान हो गए हैं। भाजपा के लक्ष्य 65 पार का उपहास उड़ाते हुए कहते हैं, कुछ दिन पहले जिन दो राज्यों में चुनाव हो रहा था वहां एक में 80 पार तो दूसरे में 200 पार का नारा चल रहा था, क्या हुआ? ऐसा ही कुछ इस बार झारखंड में होने जा रहा है। जनता पूरी तरह इस सरकार सेे ऊबी हुई है, और उसने महागठबंधन के पक्ष में मन बना लिया है। हेमंत झामुमो के साथ-साथ गठबंधन के दलों, कांग्रेस और राजद के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। भाजपा की बहुप्रचारित डबल इंजन सरकार के दावे की वे जहां खिल्ली उड़ाते हैैं वहीं खुद के विकास के ब्लूप्रिंट पर भी खुलकर चर्चा करते हैैं। हेमंत सोरेन यह भी बताते हैैं कि अगर उन्हें मौका मिला तो उनकी राह कैसी होगी? कहते हैैं, भाजपा जैसी राजनीति में उनका यकीन नहीं। भाजपा जीत या हार दोनों स्थिति में सरकार बनाने का दंभ भरती है लेकिन वे खरीद-फरोख्त कर सरकार बनाने के पक्षधर नहीं हैं।
बीजेपी कहती है- जीते या हारे, सरकार बनाएंगे
हेमंत ने कहा कि राजनीति में कई चीजें समय के अनुसार चलती हैैं। राजनीतिक दल भी उसी प्रकार फैसले लेते हैैं। वह अपना फैसला लेने को स्वतंत्र हैैं। झाविमो मेरा कोई बंधुआ मजदूर तो नहीं है। बात बनी थी, यह आपका कहना सही है। हमने अपने स्तर पर प्रयास किया। हम उनके निर्णय पर प्रश्न नहीं उठा सकते। झामुमो झारखंड के हित के लिए हमेशा कटिबद्ध रहा है। आगे जो होगा, देखा जाएगा। हम भाजपा जैसी राजनीति नहीं करते। आपको यह भी विश्वास दिलाते हैैं कि खरीद-फरोख्त की सरकार हम नहीं बनाएंगे। बीजेपी कहती है- जीते या हारे, सरकार बनाएंगे।