केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के स्वागत के लिए बने बैनर से नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर नदारद थी। पोस्टर को जेडीयू की युवा शाखा के अध्यक्ष अभय कुशवाहा ने प्रकाशित किया था। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से यह एक चूक हुई है। कुशवाहा ने कहा- मेरे समर्थकों ने पोस्टरों के लिए आदेश दिया था, मैंने पोस्टर नहीं देखा, फिर भी, मैं मानता हूं कि यह एक त्रुटि थी।
बता दें कि ललन सिंह और कुशवाहा एक तरफ हैं। वे आरसीपी सिंह के खुद केंद्रीय मंत्रालय की बर्थ लेने के फैसले से खुश नहीं थे। आरसीपी सिंह और उनके समर्थक, केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार 16 अगस्त को पटना आने आने वाले हैं। जेडीयू कार्यालय में लगे पोस्टर से पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर नहीं होने के मामले ने तूल पकड़ लिया।
जेडीयू आलाकमान ने इस पोस्टर को लगाने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। मामले को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि यह प्रोटोकॉल के खिलाफ है। पार्टी अध्यक्ष की तस्वीर ही पोस्टर से गायब कर दी जाए।जेडीयू नेतृत्व के रूख को देखते हुए माना जा रहा कि पोस्टर लगाने वाले अभय कुशवाहा के खिलाफ पार्टी बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
मिल रही जानकारी के अनुसार शाम तक उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। पूरा विवाद तब सामने आया जब पटना में जेडीयू कार्यालय के आस-पास केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बिहार आगमन को लेकर पोस्टर लगाए गए।इन पोस्टर में नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह की तस्वीर है।
तेज प्रताप ने अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष को बताया हिटलर
साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, बिहार सरकार के मंत्री विजेंद्र यादव, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी, श्रवण कुमार, मदन सैनी, शीला देवी, सुमित सिंह, सुनील सिंह सहित कई नेताओं की तस्वीरें हैं। लेकिन इस तस्वीर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जदयू संसदीय समिति के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर नदारद है। इसी के बाद मामला गरमाया और अब पोस्टर लगवाने वाले अभय कुशवाहा के खिलाफ पार्टी कार्रवाई की तैयारी में है।