नई दिल्ली। लेखक,गीतकार व शायर जावेद अख़्तर ने घूंघट वाले बयान पर शुक्रवार को सफाई दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि कुछ लोगों ने मेरा बयान बिगाड़ने की कोशिश की है।
Some people are trying to distort my statement . I have said that may be in Sri Lanka it is done for security reasons but actually it is required for women empowerment . covering the face should be stopped whether naqab or ghoonghat .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) May 3, 2019
बुर्के के साथ राजस्थान की घूंघट प्रथा को बैन करने वाले अपने बयान से पलटे
जावेद अख़्तर के बयान पर जैसे विवाद हुआ तो उन्होंने अपना मत पेश करने में देर नहीं की। वह बुर्के के साथ राजस्थान की घूंघट प्रथा को बैन करने वाले अपने बयान से पलट गए। उन्होंने ट्वीट किया कि कुछ लोगों ने मेरे बयान को बिगाड़ने का प्रयास किया है। मैंने कहा था कि हो सकता है श्रीलंका में सुरक्षा के लिहाज़ से इसे बैन किया गया हो, लेकिन वास्तव में ये महिला सशक्तीकरण के लिए ज़रूरी है। उन्होंने आगे लिखा चेहरे ढकना बंद होना चाहिए। चाहे वो बुर्का हो या राजस्थान की घूंघट प्रथा।
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जावेद अख़्तर गुरुवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बुर्के पर बैन को लेकर चल रही चर्चा पर दी थी अपनी राय
बता दें कि जावेद अख़्तर गुरुवार को भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बुर्के पर बैन को लेकर चल रही चर्चा पर अपनी राय दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर बुर्क़े पर बैन लगता है तो सरकार राजस्थान में घूंघट पर भी प्रतिबंध लगाए।