उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा पेश किए गए जनसंख्या नीति को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने आपत्ति जाहिर की है।वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मामले को लेकर यूपी लॉ कमिशन को चिट्ठी लिखी है और १ बच्चे वाला नियम हटाने की मांग की है। हिन्दू परिषद की चिट्ठी में कहा गया है कि दो बच्चों वाली नीति जनसंख्या नियंत्रण की ओर ले जाती है लेकिन दो से कम बच्चे आने वाले समय में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
चिट्ठी में आगे कहा गया वन चाइल्ड पॉलिसी से समाज में आबादी का असंतुलन पैदा होगा, योगी सरकार विचार करे वरना इसका असर निगेटिव होगा। दरअसल असम और केरल में जनसंख्या ग्रोथ में असंतुलन देखा गया है, वन चॉइल्ड पॉलिसी में लोग बेटों को प्राथमिकता देते हैं बेटियां कम होने लगती हैं।
VHP suggests UP Law commission to delet one child norm from the draft population policy.. pic.twitter.com/YRcd9XsenS
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) July 12, 2021
इस चिट्ठी में कहा गया है कि वीएचपी सरकार द्वारा लाई गई जनसंख्या नीति, दो बच्चे पैदा करने की नीति का समर्थन करते हैं। लेकिन इसी के साथ कई सवाल भी खड़े किए गए हैं। विश्व हिन्दू परिषद द्वारा कहा गया है कि असम, केरल जैसे राज्यों में जनसंख्या के ग्रोथ में असंतुलन देखा गया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश को इस तरह के कदम से बचना चाहिए और लाई गई ताजा जनसंख्या नीति में बदलाव करना चाहिए।
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बता दें कि नई जनसंख्या नीति में इस बात को भी शामिल किया गया है कि अगर कोई अपनी इच्छा से नसबंदी करवाता है, या एक ही बच्चा करता है, तो उसे सरकार की ओर से इंसेटिव दिया जाएगा। इसमें सरकार की ओर से कई सुविधाएं दी जा सकती हैं। किसी नौकरी पेशा को टैक्स में छूट जैसा फायदा दिया जा सकता है, तो वहीं अगर कोई नौकरी पेशा नहीं है तो उसे सरकारी योजनाओं का फायदा मिल पाएगा।