भाजपा की ओर से कोरोना काल में देशभर में निकाली जा रही जन आशीर्वाद यात्रा के मुद्दे पर महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई है। कोरोनावायरस महामारी के बीच यह ‘यात्रा’ निकाले जाने से राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार नाराज है। कोविड प्रोटोकॉल्स के उलंघन के आरोप में अब तक अलग-अलग पुलिस थानों में 19 FIR दर्ज की गई हैं। महाराष्ट्र सरकार की इस ‘कार्रवाई’ पर बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने पूछा- राजधर्म निभा रहे या निजी कंपनी चला रहे?
कदम ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कुछ भी हो जाए, जन आशीर्वाद यात्रा रुकेगी नहीं, लोगों का पूरा समर्थन मिल रहा है।बता दें कि जुलाई में हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल में शामिल नए मंत्रियों को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पत्र लिखकर जनता के बीच जाकर सीधे संवाद करने और जन ाशीर्वाद यात्रा निकालने का निर्देश दिया था। इसी के बाद नए मंत्री देशभर में जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा के दौरान हरेक मंत्री को कम से कम तीन या चार लोकसभा क्षेत्र का भ्रमण करना है।
गौरतलब है कि मुंबई में जन आशीर्वाद यात्रा निकालने के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं पर कोविड प्रोटोकॉल्स के उलंघन के आरोप में मुंबई के अलग-अलग पुलिस थानों में 7 FIR दर्ज की गई हैं। ये FIR विलेपार्ले, खेरवाड़ी, माहिम, शिवाजी पार्क , दादर , चेम्बूर और गोवंडी पुलिस थानों में दर्ज की गई हैं। आयोजकों पर आईपीसी की धारा 188, NDMA एक्ट की धारा 51 और BP एक्ट की धारा 135 लगाई गई है।
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आखिर क्या कारण है इस एफआईआर दर्ज करने का. जब कांग्रेस के प्रांत अध्यक्ष औऱ NCP और शिवसेना के नेता कार्यकर्ताओं से मिलने के नाम पर हजारों की भीड़ इकट्ठा करते हैं तब कोई एफआईआर नहीं, तब क्या पुलिस के हाथ FIR लेने में कांपते हैं ? बीजेपी के नेता लोगों के बीच जाएं तो तुरंत एफआईआर। कैसी सरकार है ये? महाराष्ट्र सरकार…कान खोलकर सुन ले वह चाहे कितने एफआईआर दर्ज करा ले यह जनआशीर्वाद यात्रा रुकेगी नहीं, यह लोगों का आशीर्वाद और समर्थन प्राप्त करते हुए आगे बढ़ती रहेगी।