विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि चीन कई तरह से भारत के लिये एक चुनौतीपूर्ण पड़ोसी है और वह इस पड़ोसी देश के विकास को हमेशा सबक के रूप में देखते हैं।
इंडिया इकनॉमिक कॉनक्लेव को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सख्ती से पालन करने के संबंध भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हाल में बनी सहमति को समझदारी भरा कदम मानते हैं।
उन्होंने कहा, हम पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहते हैं। सभी लोग जानते हैं कि इसका क्या अर्थ होता है। अगर इस दिशा में रुझान है, तब मैं इसका स्वागत करूंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत, तालिबान से सम्पर्क स्थापित करेगा, जयशंकर ने कि वह स्पष्ट तौर पर सम्प्रभु, लोकतांत्रिक और समावेशी अफगानिस्तान देखना चाहते हैं, जो अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखे।
विदेश मंत्री ने कहा, शांति और मेल-मिलाप की बातें हैं और हर कोई कह रहा है कि तालिबान पहुंच बना रहा है, बदल रहा है.. आदि। हम देखें और इंतजार करें। यह पूछे जाने पर कि क्या चीन आर्थिक क्षेत्र में अपरिहार्य हो गया है, जयशंकर ने कहा कि चीन का वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रभाव है। उन्होंने कहा, मैं नहीं समझता कि कोई इससे इंकार करेगा। मैं सोचता हूं कि पिछले 40 वर्षाे में उसने अपनी राष्ट्रीय क्षमता की दिशा में जो