भुवनेश्वर: पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) आज 1 जुलाई से शुरू होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ का रथउत्सव शुरू होता है। पुरी में जगन्नाथ मंदिर से तीन सजे-धजे रथ निकलते हैं। जिसमे भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा का रथ निकाला जाता है। जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) का समापन 12 जुलाई को होगा।
त्योहार के इस खास मौके पर ओडिशा पुलिस (Odisha Police) ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं, कई लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई गई है। भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर पुण्य कमाने की इच्छा रखने वाले लाखों भक्त पुरीधाम पहुंच चुके हैं। वहीं प्रदेश सरकार ने पूरी यात्रा को शांतिपूर्ण कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं। भगवान जगन्नाथ को हमेशा स्नान में 108 घड़ों में पानी से स्नान कराया जाता है।
पुरी जगन्नाथ यात्रा के पर्व पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं रथ यात्रा के पावन अवसर पर अपने देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। रथ यात्रा में भाग लेने वाले भक्तगण, भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचना उनका आशीर्वाद मानते हैं। रथ यात्रा की महिमा और भव्यता वास्तव में अनुपम है, मेरी शुभकामना है कि रथ यात्रा से जुड़े पवित्र और उच्च आदर्श हमारे जीवन को शांति और सौहार्द से ओतप्रोत कर दें।
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भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदीघोष कहते हैं, जिसकी ऊंचाई 45.6 फुट होती है। बलराम के रथ का नाम ताल ध्वज और ऊंचाई 45 फुट होती है। वहीं सुभद्रा का दर्पदलन रथ 44.6 फुट ऊंचा होता है। रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर पुरी नगर से गुजरते हुए गुंडीचा मंदिर पहुंचती है। यहां भगवान जगन्नाथ, बलरामजी और बहन सुभद्रा सात दिन विश्राम करते हैं।