उड़ीसा: हिंदू धर्म में जगन्नाथ रथ यात्रा का बहुत अधिक महत्व है। इस रथ यात्रा का आयोजन ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से होता है। जगन्नाथ रथ यात्रा 2022 की तारीख व मुहूर्त। भगवान जगन्नाथ के स्मरण में निकाली जाने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) का हिन्दू धर्म में बड़ा ही पावन महत्व है। पुरी (उड़ीसा) में इस यात्रा का विशाल आयोजन हर वर्ष किया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पुरी यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है। इस साल रथ यात्रा का यह उत्सव 1 जुलाई शुक्रवार के दिन मनाया जाने वाला है।
जगन्नाथ पुरी का मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और उनकी छोटी बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है। इस दिन काफी ज्यादा संख्या में भक्तगण रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से आते है। इस रथ यात्रा में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।जगन्नाथ यात्रा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना गया है।
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धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर तक पहुंचाया जाता है। जहां भगवान सात दिन तक विश्राम करते है। इसके बाद फिर जगन्नाथ भगवान की वापसी की यात्रा शुरु होती है। पूरे भारत में भगवान जगन्नाथ की यात्रा एक त्यौहार के रुप में मनाई जाती है। पहांडी एक धार्मिक परंपरा है जिसमें भक्तों के द्वारा बलभद्र, सुभद्रा एवं भगवान श्रीकृष्ण को जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक की रथ यात्रा कराई जाती है। कहा जाता जाता है कि गुंडिचा भगवान श्रीकृष्ण की सच्ची भक्त थीं, और उनकी इसी भक्ति का सम्मान करते हुए ये इन तीनों उनसे हर वर्ष मिलने जाते हैं।