केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ लगा रहे हैं। इस बीच भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कल की किसान संसद पर कहा कि 10 राज्यों के लोग इसमें थे। उन्होंने बताया कि किसानों ने अपने-अपने राज्यों और तीन कृषि कानूनों और इससे होने वाले नुकसानों के बारे में बताया।
टिकैत ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, तब तक बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे।कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की किसान संसद के मद्देनजर जंतर-मंतर पर सुरक्षा बल तैनात किया गया है। बीजेपी नेता मिनाक्षी लेखी के किसान आंदोलन में शामिल लोगों को मवाली कहने पर भी टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
मामले में राकेश टिकैत ने कहा कि मिनाक्षी लेखी ने जो कहा उस पर माफी मांग ली। बात खत्म हो गई बस वो आगे ध्यान रखें कि इस तरह की बयानबाजी न करें। किसान संसद मार्च में आज की तैयारी पर राकेश टिकैत ने कहा कि आज हम नहीं जा रहे हैं। आज दूसरे लोग जा रहे हैं। 10-15 लोग रोज़ाना अलग-अलग जगह से इकट्ठा होकर जायेंगे। सरकार से बातचीत की अभी उम्मीद नहीं लग रही है। टाइम लगेगा।
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कृषि मंत्री तो बयान देते रहते हैं. प्रस्ताव की बात नहीं है. एक ही प्रस्ताव है तीनों कानून वापस लो. लोकतांत्रिक तरीक़े से बात रखने की कोशिश कर रहे हैं। आगे की तैयारी पर उन्होंने कहा कि पूरी तैयारी है, आंदोलन कैसे चलेगा आगे इसकी तैयारी है। आंदोलन लंबा चलेगा अभी। ये तो 43 महीने का कोर्स है, अभी 8 ही महीने हुये है। ट्रैक्टर तैयार है। तेल भरा के रखो कभी भी दिल्ली आना पड़ सकता है। सरकार कभी भी कोई कदम उठा सकती है.। तैयारी तो रखनी पड़ेगी. पत्रकार के साथ मारपीट पर टिकैत ने कहा कि हमारे लोग इस तरह का काम नहीं करते. पत्रकार-पुलिस सब हमारे बीच रहते हैं। कभी ऐसा काम नहीं हुआ है।