उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य में सियासी हलचल भी तेज हुई है, पार्टियां ब्राह्मण समुदाय पर खासा नजर रखे हुए हैं। इस बीच अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी के एक बयान ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है। त्रिपाठी ने कहा है कि अगर फूलन देवी की मूर्ति लगाई जा सकती है, तो ब्राह्मण समुदाय के महान व्यक्ति विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की मूर्तियां भी लगाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा- अगर डकैत फूलन देवी और ददुआ की मूर्तियां लगाई जा सकती हैं, तो विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की प्रतिमाएं क्यों नहीं लगाई जा सकतीं। बता दें कि विकास दुबे की पिछले साल कानपुर में एक एनकाउंटर में मौत हो गई थी, जबकि श्रीप्रकाश शुक्ला को यूपी एसटीएफ ने 1998 में मार गिराया था।
त्रिपाठी यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “अगर डकैत फूलन देवी और ददुआ की मूर्तियां लगाई जा सकती हैं, तो विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला की प्रतिमाएं क्यों नहीं लगाई जा सकतीं, जो कि ब्राह्मण समुदाय के लिए महान व्यक्ति और प्रेरणा हैं। बता दें कि विकास दुबे की पिछले साल कानपुर में एक एनकाउंटर में मौत हो गई थी, जबकि श्रीप्रकाश शुक्ला को यूपी एसटीएफ ने 1998 में मार गिराया था।
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ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष ने कानपुर के बरुआ खुर्द गांव में भगवान शिव और परशुराम के मंदिर की स्थापना के लिए रखे गए एक कार्यक्रम में कहा, “विकास दुबे और श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ अन्याय हुआ। अगर वे दोषी थे, तो उन्हें कोर्ट से सजा मिलनी चाहिए थी।” उन्होंने यह भी कहा कि आने वाली विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों के साथ एक बार फिर धोखा होगा। उन्होंने यूपी सरकार की ओर से विकास दुबे की पत्नी खुशी दुबे और उनके भतीजे अभय को प्रताड़ित किए जाने का भी विरोध किया। बता दें कि खुशी दुबे अभी बाराबंकी के महिला शेल्टर होम में रखी गई हैं।