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जाति जनगणना मेे कोई राजनीति नहीं यह सामाजिक विकास के लिए जरूरी- नितीश कुमार

जाति आधारित जनगणना को बिहार के सीएम नीतीश कुमार देशहित में बताया है, उन्होंने कहा- इससे सामाजिक विकास होगा। नीतीश कुमार ने कहा- इसे लेकर हमने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है लेकिन अभी तक उधर से किसी तरह का जवाब नहीं आया है।उन्होंने कहा- अगर केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणऩा नहीं करवाती तो हम बिहार में चर्चा करेंगे, हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार ही जनगणना करवाए।

नीतीश कुमार के अलावा यूपी में भाजपा की सहयोगी अपना दल ने भी जाति जनगणना की पैरवी करते हुए ओबीसी मंत्रालय बनाने की मांग की है। हालांकि सरकार की तरफ से इसे खारिज करने जैसी किसी तरह की बातें सामने नहीं आई हैं, जल्द ही इस मुद्दे पर फैसला हो सकता है।

सीएम ने कहा कि इस मुद्दे का कोई राजनीतिक संबंध नहीं है।  यह सामाजिक स्तर का मामला है. सभी राज्य यह चाहते हैं। एक बार जाति आधारित जनगणना कराना सभी के विकास और उत्थान के लिए बेहद जरूरी है।  सभी वर्गों के लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए।  1931 में यह अंतिम बार हुई थी।

अब इसे मौजूदा समय में एक बार जरूर करवा लेना चाहिए।  इससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि किस वर्ग के लिए किस क्षेत्र में क्या करने की जरूरत है। विकास योजनाओं का खाका तैयार करने में बेहद आसानी होगी। पूरे देश में किसकी क्या स्थिति है, इसकी जानकारी सभी को मिल जायेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित जनगणना कराना तो केंद्र का ही काम है और यह पूरे देश में एक साथ होता है। केंद्र को ही इस पर अंतिम निर्णय लेना है।  अगर केंद्र इस पर कोई निर्णय नहीं ले पाता है, तो फिर बिहार में इस मसले पर बात की जायेगी। राज्य में सिर्फ जाति की गणना की जा सकती है, जनगणना नहीं हो सकती।  कर्नाटक में यह एक बार हुई है। कुछ दूसरे राज्यों ने भी इस तरह की गणना की है।  बिहार में इस तरह की गणना कराने के लिए मिलकर बात करेंगे।

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