उत्तराखंड में फिलहाल बारिश से छुटकारा मिलता नजर नहीं आ रहा है। मानसून के दौरान भले भी मेघ कम बरसे हों, लेकिन जब मानसून समापन है, तब बारिश आफत बनकर आ रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कें ध्वस्त हो रही हैं। नदी और नालों में पानी का प्रवाह तेज है। मैदानी क्षेत्र में जलभराव की समस्या से लोगों को दो चार होना पड़ रहा है। पूरे उत्तराखंड में रुक रुक कर बारिश हो रही है। वहीं, हाल ही में केदारनाथ, बदरीनाथ की ऊंची चोटियों में बर्फबारी होने से मौसम में हल्की ठंडक भी महसूस की जाने लगी है।
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तराखंड में बारिश का दौर सात सितंबर तक जारी रहेगा। कुछ जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है। ऐसे में सात सितंबर तक यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस अवधि में गर्जन के साथ बारिश, संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन, सड़कों के अवरोध होने और नदी नालों में पानी बढ़ने के साथ ही निचले इलाकों में जल भराव की चेतावनी दी गई है।
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मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार रविवार को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों में कहीं कहीं तीव्र बौछार के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। छह को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में कहीं कहीं बौछार के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। सात को भी पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है।