लखनऊ डेस्क। हम आज चाहे जितनी ही तरक्की क्यों न कर चुके हों लेकिन आज भी पुराने ज़माने की जड़ी बूटियों से तैयार औषधियां आज भी अकसर हमारे काम आ ही जाती हैं। आज हम बताते हैं इन्हीं जड़ी बूटियों को तैयार करने वाले उन पेड़ों के बारे में जो बहुत की लाभदायक हैं।
नीम : नीम की 10-12 पत्तियों को पीसकर सुबह खाली पेट पीने से गर्मी की घमौरियों व चर्मरोग का शमन होता है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर सिर धोने से बाल झड़ना रुक जाता है व जुएं, लीख मर जाते हैं।
बेर : बेर की पत्तियों व नीम की पत्तियों को बारीक पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर बालों में लगा लें व दो घंटे बाद बालों को धो लें। इसका एक माह तक प्रयोग करने से नए बाल उग आते हैं व बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
बड़ : बड़ के दूध में एक नींबू का रस मिलाकर सिर में आधे घंटे तक लगा रहने दें। फिर सिर को गुनगुने पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है व बाल तेजी से बढ़ते हैं।
तुलसी : तुलसी के 8-10 पत्तों को पीसकर चीनी में मिलाकर पीने से लू नहीं लगती है। अगर लू लग गई है तो आराम मिल जाता है। रोज प्रातः खाली पेट तुलसी के चार पत्ते नियमित खाने से बीमारी नहीं होती है।
बबूल : बबूल की पत्तियों को उबालकर उसे पानी में मिलाकर कुल्ला करने से दांत व मसूड़े मजबूत होते हैं। बबूल की पत्तियों का रस निकालकर सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से गर्मी के फोड़े-फुंसी में आराम मिलता है।