नई दिल्ली। वैश्विक शेयर बाजार में तेज बिकवाली, कोविड-19 के बढ़ते मामलों और विदेशी फंड में भारी आउटफ्लो से शेयर बाजार में हाहाकार है। इससे निवेशकों की 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक रकम डूब गई है। इन 6 कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स में करीब 2750 अंक यानी 7 फीसदी गिरावट आई है। गुरुवार को यह 1100 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ 36,553 पर बंद हुआ।
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कमजोर बाजार धारणा से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 148.85 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो 16 सितंबर को 160.08 लाख करोड़ रुपये था। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च अभिमन्यु सोफट ने कहा कि बाजार में और गिरावट आ सकती है। स्कॉटलैंड और ब्रिटेन ने कहा है कि वे लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रहे हैं। आशंका है कि कई और देश लॉकडाउन लगा सकते हैं। इससे बाजार के हाथपैर फूले हुए हैं।
शेयर बाजार का हाल
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1114.82 अंक यानी 2.96 फीसदी की गिरावट के साथ 36,553.60 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 326.30 यानी 2.93 फीसदी की गिरावट के साथ 10805.55 पर बंद हुआ। हिंदुस्तान युनिलीवर को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयरों में गिरावट रही। इंडसइंड बैंक में सबसे अधिक 7 फीसदी गिरावट आई। इसके बाद बजाज फाइनेंस, एमएंएम, टेक महिंद्रा, टीसीएस और टाटा स्टील के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट रही।
पिछले 6 सत्रों में निफ्टी की 49 कंपनियों के निवेशकों की रकम डूबी है। इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और भारती इन्फ्राटेल के शेयरों में क्रमशः 21 फीसदी, 19 फीसदी, 15 फीसदी और 14.20 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी ओर केवल डॉ. रेड्डीज के शेयरों में 9.30 फीसदी की तेजी आई है।