वाराणसी। काशी के विकास का मॉडल पूरी दुनिया में जाने जाना लगा है। वाराणसी (Varanasi) में यातायात की कनेक्टिविटी, कानून व्यवस्था और मूलभूत ढांचे के अलावा पूरे जिले का कायाकल्प किया गया है, जिसका परिणाम अब सामने आने लगा है। वाराणसी में निवेश के लिए बड़े स्तर पर निवेशकों ने रुचि दिखाई है। निवेशकों को सरकार की नई औद्योगिक नीतियों को बताने के लिए और निवेशकों की शंकाओं के समाधान के लिए में शुक्रवार को वाराणसी इन्वेस्टर्स समिट (Investors Summit) का आयोजन हुआ। वाराणसी में अभी तक 292 निवेशकों ने 46000 करोड़ के एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर साइन किया है। इसके बाद वाराणसी में 95,000 नये रोज़गार सृजित होने की संभावना है। वहीं वाराणसी में बढ़ते पर्यटन सेक्टर में निवेशकों ने सबसे ज्यादा रुचि दिखाई है। इसमें 11 हजार करोड़ से ज्यादा के निवेश MoU साइन हुए हैं।
सभी विभागों ने दिया प्रेजेंटेशन
वाराणसी इन्वेस्टर्स समिट (Varanasi Investors Summit) में जनपद में औद्योगिक विकास तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं एवं नई नीतियों के सम्बन्ध में प्रेजेंटेशन दिया गया। इससे सभी भावी निवेशकों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं के नये निवेश विस्तारीकरण के लिए उपलब्ध करायी जा रही वित्तीय एवं अन्य प्रोत्साहनों की जानकारी दी गई। साथ ही निवेशकों के शंकाओं का समाधान संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया। निवेशकों व भावी उद्यमी इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और अपने सुझाव दिए।
निवेशकों की समस्याओं का करेंगे समाधान : डीएम
बैठक में निवेशकों ने वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा ऑनलाइन नक्शे पास करने से होनी वाली दिक्कतों की बात भी उठाई गयी। जिसपर वीडीए द्वारा आकड़ों के माध्यम से अपनी बात रखी गयी। जिलाधिकारी वाराणसी एस राजलिंगम द्वारा वाराणसी इनवेस्टर्स समिट में निवेशकों को आश्वस्त किया कहा कि अधिकारी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा तत्पर हैं। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि 292 निवेशकों के माध्यम से 46,000 करोड़ के निवेश का एमओयू हो चुका है, जबकि 324 निवेशकों ने 47,705 करोड़ के निवेश में रुचि दिखाई है। कुछ निवेशकों को एमओयू भी वितरित किया गया।
वाराणसी में अबतक कुल 292 एमओयू हुए हैं। इनमें प्रस्तावित निवेश की धनराशि 46001.80 करोड़ रुपए है।
किस विभाग में हुए कितने के निवेश के एमओयू
1- पर्यटन विभाग – 42 एमओयू – 11576.06 करोड़।
2- ऊर्जा व विद्युत विभाग – 2 एमओयू – 22800 करोड़।
3- उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण – 5 एमओयू – 2096 करोड़।
4- उद्योग विभाग – 189 एमओयू – 3226.74 करोड़।
5- हाउसिंग व वाराणसी विकास प्राधिकरण विभाग – 17 एमओयू – 3028.16 करोड़।
6- स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग – 4 एमओयू – 959.84 करोड़।
7- उप निदेशक, पशु पालन विभाग, वाराणसी) – 4 एमओयू -13 करोड़।
8- उप निदेशक, दुग्धशाला विकास विभाग, वाराणसी – 4 एमओयू – 85 करोड़।
9- निदेशक, ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोत विभाग (यूपीनेडा), वाराणसी – 3 एमओयू – 205 करोड़।
10- इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड औद्योगिक विकास विभाग – 1 एमओयू – 900 करोड़।
11- उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग – 9 एमओयू – 209.02 करोड़।
12- हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग – 8 एमओयू – 178.75 करोड़।
13- खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रक प्रशासन विभाग – 2 एमओयू – 109.26करोड़।
14- आईटी एण्ड इलेक्ट्रानिक विभाग – 1 एमओयू – 10 करोड़।
15- उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास विभाग – 1एमओयू – 5 करोड़।