लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन ‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म’ से तथा स्वच्छ भारत बनाने के संकल्प एवं मुख्यमंत्री कुशल नेतृत्व में प्रदेश में निवेश का अनुकूल वातावरण बना, जिसके कारण राज्य में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में 33.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आया। इस निवेश से प्रदेश के पिछड़े इलाकों सहित सभी क्षेत्रों का चहुंमुखी एवं संतुलित विकास होगा।
निवेश में आये प्रोजेक्ट जैसे-जैसे धरातल पर उतरेंगे उनसे युवा वर्ग को रोजगार मिलेगा। किसानों की आये में वृद्धि होगी। कुशल, अर्द्धकुशल व अकुशल श्रमिकों को भी अपने आसपास ही कार्य मिलेगा, इससे उन्हें अब अपनी जीविका की तालाश में अपने घर से दूर नहीं जाना होगा।
एके शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में सबसे ज्यादा निवेश नवीन ऊर्जा में आया है। ऊर्जा एवं नगर विकास में आये निवेश को मिलाकर प्रदेश के कुल निवेश का एक-तिहाई है। इस निवेश से प्रदेश के पश्चिमांचल क्षेत्र में पैदा होने वाले गन्ना अपशिष्ट से बायो प्लेटस् व बायोगैस के निर्माण हेतु प्रोजेक्ट लगाये जायेंगे, इससे गन्ना किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। तराई क्षेत्र में मिलने वाले हाईबायोमॉस प्रोटेन्शियल से बायोगैस का निर्माण होगा।
इसी प्रकार मध्य क्षेत्र में अमोनिया, यूरिया तथा ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण की सम्भावनाएं हैं तथा नहरों पर जल परियोजनाएं भी संचालित की जा सकेगी। पूर्वांचल में कृषि अपशिष्ट से बायोगैस का निर्माण एवं वितरण किया जा सकेगा तथा पम्पड हाइड्रो परियोजनाएं लगायी जायेंगी। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र में उच्च सौर विकिरण क्षमता होने से वहां के गैर कृषि क्षेत्रों में सौर ऊर्जा निर्माण के लिए प्लाण्ट लगाये जायेंगे इससे ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने में भी मदद मिलेगी।
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री (AK Sharma) ने बताया कि देश की राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री मोदी के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रतिभाग करने से तथा योगी सरकार की नीतियों की प्रशंसा करने से राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का मान बढ़ा है, इससे देशी-विदेशी निवेशकों में राज्य में निवेश को लेकर उत्साह है।
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर ऊर्जा एवं नगर विकास विभाग में आये निवेश को धरातल पर शीघ्र उतारने के लिए निवेशकों से सम्पर्क करने तथा उनके सामने आने वाली समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। निवेश के जमीनी स्तर पर आने से प्रदेश के औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।