प्रदेश में अवैध शराब (Illegal Liquor) से सम्बन्धित घटनाओं को शासन द्वारा बेहद गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए अवैध शराब (Illegal Liquor) के कारोबार में लिप्त अभियुक्तों के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है। इसी कड़ी में सोमवार को अपर मुख्य सचिव, गृह ने अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन को आबकारी (excise) के मामलों की सूचना तीन दिवस के भीतर शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। साथ ही प्रभावी पैरवी कर इन मामलों के निस्तारण व मुल्जिमों को कठोर सजा दिलवाने के भी निर्देश दिये हैं।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने यह निर्देश भी दिये है कि अवैध शराब (Illegal Liquor) से सम्बन्धित अभियुक्तों के विरूद्ध आबकारी अधिनियम की धारा 60(क) के सुसंगत प्रावधानों तथा गिरोहबन्द अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत समुचित एवं कठोर अभियोजन कार्यवाही सम्पादित की जाय। उन्होंने ऐसे अभियोगों का विवरण, जिनमें इन धाराओं में एफआईआर दर्ज करायी गयी हैं, उन्हें शासन को उपलब्ध कराने तथा ई-प्रासीक्यूशन पोर्टल पर दर्ज कराने के निर्देश दिये हैं। साथ ही ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर दर्ज व सीसीटीएनएस (क्राइम एण्ड क्रिमनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) से प्राप्त ऐसे मामलों की निगरानी व गहन समीक्षा करने के भि निर्देश दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) अधिनियम, 2017 जो दिनांक 06 जनवरी 2018 को अधिसूचित हो चुका है, के प्रावधान किया गया है कि किसी मादक पदार्थ को किसी अन्य पदार्थ या विजातीय द्रव्य से उसे अपायकर बनाते हुए उसका विक्रय करने अथवा उपलब्ध या प्रदान करने व करवाने वाले व्यक्तियों को, जिनके उक्त कृत्य से किसी मानव की मृत्यु हुई हो, वहाँ मृत्युदण्ड अथवा आजीवन कारावास तथा जहाँ किसी व्यक्ति को विकलांगता अथवा घोर उपहति हुई हो, तो न्यूनतम 06 वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष तक के कठोर कारावास तथा जहाँ इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति को उपहति अथवा परिणामिक हानि पहुँची हो, वहाँ न्यूनतम 01 वर्ष तथा अधिकतम 02 वर्ष तक के कारावास एवं जुर्माने से सजा का प्राविधान किया गया है।