नई दिल्ली: इंटरनेशनल मार्केट (International market) में क्रूड ऑयल (Crude oil) के दाम में हुए इजाफे से बल्क यूजर्स (Bulk Users) को बड़ा झटका लगा है। थोक उपयोगकर्ताओं को बेचे जाने वाले डीजल (Diesel) की कीमत में अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि के अनुरूप लगभग 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है, लेकिन पेट्रोल पंप (Petrol pump) पर रिटेल यूजर्स के लिए रेट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।
पेट्रोल पंपों की बिक्री में इस महीने पांचवीं बार वृद्धि हुई है, क्योंकि बस फ्लीट ऑपरेटरों और मॉल जैसे थोक उपयोगकर्ता तेल कंपनियों से सीधे ऑर्डर देने की सामान्य प्रथा के बजाय ईंधन खरीदने के लिए पेट्रोल बंक पर कतारबद्ध थे, जिससे खुदरा विक्रेताओं का घाटा बढ़ गया।
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सबसे ज्यादा नुकसान नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसे निजी खुदरा विक्रेताओं को हुआ है, जिन्होंने अब तक बिक्री में उछाल के बावजूद किसी भी मात्रा में कटौती करने से इनकार कर दिया है। लेकिन अब पंपों को बंद करना एक अधिक व्यवहार्य समाधान है, जो कि रिकॉर्ड 136 दिनों के लिए स्थिर दरों पर अधिक ईंधन बेचना जारी रखता है, विकास के प्रत्यक्ष ज्ञान वाले तीन स्रोतों ने कहा।