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इंदौर : फर्जी दस्तावेज तैयार कर इस IAS अधिकारी ने लिया प्रमोशन

फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रमोशन पाने वाले IAS अधिकारी संतोष वर्मा को शनिवार रात करीब 12 बजे एमजी रोड थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अफसर पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके प्रमोशन लेने का आरोप है।

संतोष वर्मा ने आईएस कैडर अलॉट होने पर डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (DPC) के लिए स्पेशल जज सीबीआई और व्यापमं विजेंद्र सिंह रावत के फर्जी साइन कर फैसला तैयार कर लिया था। डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी में जब इनसे पूछा गया कि आपके खिलाफ कोई FIR तो नहीं है तो उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग को फैसले की प्रति पेश कर कहा कि मामले में समझौता हो गया है, लेकिन शासन ने कहा कि समझौता बरी होने की श्रेणी में नहीं आता। उसी दिन संतोष वर्मा ने एक दूसरा फैसला पेश कर कहा कि कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। एक ही दिन में दो फैसले मिलने पर अफसरों को शक हुआ।

मामले को लेकर IG हरिनारायणाचारी मिश्र ने जांच बैठा दी। जांच में पता चला कि फैसला फर्जी है और जज और कोर्ट की सील भी फर्जी है। इस मामले को लेकर 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने विशेष जज की शिकायत पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था। पुलिस अधिकारियों ने वल्लभ भवन भोपाल से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे आईएएस संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। वर्मा फिलहाल नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल में अपर आयुक्त के पद पर पदस्थ थे।

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महिला ने पुलिस को बताया कि अपर कलेक्टर की पहले ही शादी हो चुकी थी, लेकिन उन्होंने ये बात छुपाई थी। बाद में शादी से इनकार कर दिया था. जानकारी के मुताबिक, महिला ने एक मंदिर में हुई शादी के फोटो भी पुलिस को सौंपे थे। अभी 4 माह पहले उसी लसूड़िया थाने में आईएएस अफसर संतोष वर्मा ने भी इस महिला के खिलाफ केस दर्ज कराया था। शिकायत में कहा गया था कि महिला उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। महिला ने एलआईसी एजेंट बनकर उनसे दस्तावेज हासिल किए थे। महिला ने पति के रूप में मेरा नाम लिखा। पासपोर्ट और मतदाता परिचय पत्र भी मेरा नाम लिखाया। पासपोर्ट के लिए अपने आवेदन में भी महिला ने उनका ही नाम का इस्तेमाल किया। पुलिस ने महिला के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था।

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