IMF

दुनिया में आर्थिक मंदी के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था जिम्मेदार: IMF

715 0

नई दिल्ली। मोदी सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक और बुरी खबर आई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने भारत की जीडीपी का अनुमान घटा दिया है। IMF ने साल 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि 6 फीसदी से घटाकर 4.8 फीसदी कर दी है। इतना ही नहीं IMF ने यह भी कहा है कि दुनिया में आर्थिक सुस्ती के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था ही जिम्मेदार है। सिर्फ IMF नहीं बल्कि इससे पहले मूडीज और यूएन समेत कई एजेंसियां भारत की वृद्धि का अनुमान घटा चुकी है।

2021 में सुधरकर 6.5 फीसदी रह सकती है GDP

आईएमएफ के मुताबिक, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में कम होकर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि 2020 और 2021 में यह सुधरकर क्रमश: 5.8 फीसदी और 6.5 फीसदी रह सकती है। मुद्राकोष के अक्टूबर में जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य के पूर्व अनुमान के मुकाबले यह आंकड़ा क्रमश: 1.2 फीसदी और 0.9 फीसदी कम है।

गोंडा: सरयू नदी में नाव पलटी, शिक्षक की मौत और 20 लापता लोगों की तलाश जारी 

दो महीनों में कई एजेंसियों ने घटाया भारत का GDP अनुमान

IMF- पिछली बार 6 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 4.8 फीसदी अनुमान

SBI- पिछली बार 5 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 4.6 फीसदी अनुमान

UN- पिछली बार 7.6 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 5.7 फीसदी अनुमान

FITCH- पिछली बार 5.6 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 4.6 फीसदी अनुमान

ADB- पिछली बार 6.5 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 5.1 फीसदी अनुमान

Moodies- पिछली बार 5.8 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 4.9 फीसदी अनुमान

NSO- पिछली बार कुछ नहीं, अब 5 फीसदी अनुमान

World bank- पिछली बार 6 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 5 फीसदी अनुमान

RBI- पिछली बार 6.1 फीसदी जीडीपी का अनुमान, अब 5 फीसदी अनुमान

दुनिया की जेडीपी करीब 569 लाख करोड़

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया की जीडीपी करीब 569 लाख करोड़ की है। वहीं, भारत की अर्थव्यवस्था 19 लाख करोड़ है। यानी दुनिया की अर्थव्यवस्था का महज तीन फीसदी है। ग्रामीण इलाकों की गरीबी और बैंकों की सुस्ती ने भारत की अर्थव्यवस्था को दिक्कत में डाल दिया है।

IMF की मुख्य आर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा है कि भारत में आर्थिक अस्थिरता आई और दुनिया आर्थिक सुस्ती से गुजरने लगी है। गीता गोपीनाथ ने इसके लिए भारत में नॉन बैंकिंग फाइनेशियल सेक्टर यानी NBFC और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के खराब प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया है।

NBFC सेक्टर का बढ़ा NPA

NBFC सेक्टर, जहां नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स यानी NPA मार्च 2019 से सितंबर 2019 तक 6.1 फीसदी से बढ़कर 6.3 फीसदी हो गया है। NBFC जैसी संस्थाओं के पैसे डूब रहे हैं तो बैंकों की हालत भी ठीक नहीं है। क्योंकि मार्च 2019 में जहां बैंकों ने 13.2 फीसदी लोगों को कर्ज बांट तो सितंबर 2019 में लोगों की कर्ज लेने की क्षमता गिरकर 8.7 फीसदी हो गई है।

केंद्र की मोदी सरकार का लक्ष्य भारत को 50 खरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 9 फीसदी की जीडीपी चाहिए। साल 2019 में तो जीडीपी वृद्धि दर 5 फीसदी ही रही है जो रिजर्व बैंक के अनुमान से भी कम है।

Related Post

GST

जून में जीएसटी राजस्व संग्रह 90917 करोड़, पिछले वर्ष की तुलना में नौ फीसदी कम

Posted by - July 1, 2020 0
नई दिल्ली। लॉकडाउन के बाद अनलॉक 1.0 के तहत आर्थिक गतिविधियां शुरू किये जाने से जीएसटी राजस्व संग्रह में बढोत्तरी…
CM Dhami

सीएम धामी पहुंचे चंपावत, किताब कौथिग कार्यक्रम में की शिरकत

Posted by - December 25, 2022 0
चम्पावत। जिले दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री (CM Dhami) रविवार को राजकीय इण्टर कॉलेज, टनकपुर में आयोजित प्रथम किताब कौथिग कार्यक्रम…
Rahul Gandhi

संस्कारिका साहित्य द्वारा बनाए गए मकान नीलांबुर की महिलाओं को सौंपे: राहुल गांधी

Posted by - July 3, 2022 0
नीलांबुर: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) केरल के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस…