नई दिल्ली: भारतीय मुद्रा (Indian currency) अब कमजोर होता जा रहा है। डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा का स्तर धीरे-धीरे गिरता जा रहा है। रुपये में आ रही लगातार गिरावट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है और वहीं मंगलवार सुबह रुपये ने पहली बार रिकॉर्ड 80 का न्यूनतम स्तर को छू लिया है। साल 2022 में ही रुपया डॉलर के मुकाबले 7 फीसदी टूट चुका है। ऐतिहासिक गिरावट के साथ 80 के पार जाकर 80.01 पर ट्रेडिंग कर रहा है।
फॉरेक्स मार्केट के आंकड़ों के मुताबिक, डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार सुबह 79.98 पर खुला, जो पिछले बंद से 1 पैसे नीचे था। मुद्रा विनिमय बाजार खुलते ही रुपये में गिरावट आ गई और कुछ ही मिनट में गिरावट के साथ 80 के पार जाकर 80.01 पर ट्रेडिंग करने लगा। साल 2022 में ही रुपया डॉलर के मुकाबले 7 फीसदी टूट चुका है। ग्लोबल मार्केट में डॉलर में आ रही मजबूती और विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से धन निकासी की वजह से रुपये पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
वित्तमंत्री ने जताई चिंता
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में बताया कि 31 दिसंबर, 2014 से अब तक रुपये में 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। रूस-यूक्रेन युद्ध, क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमत और ग्लोबल मार्केट की खराब फाइनेंशियल कंडीशन के कारण रुपये पर सबसे ज्यादा दबाव बढ़ा है। इसमें ग्लोबल फैक्टर की सबसे बड़ी भूमिका है।