न्यूयार्क। भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर लताड़ लगाई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76 वें सत्र में भारत ने राइट-टू-रिप्लाई के तहत फर्स्ट कमेटी जनरल डिबेट में पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कहा कि एक तरफ पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि शांति की बात करते है जबकि उनके प्रधानमंत्री इमरान खान ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकवादियों का महिमा मंडन करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर ए अमरनाथ ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों की परवाह किए बगैर बार-बार अपने पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद में शामिल रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस्लामाबाद बहुपक्षीय मंचों से झूठ को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है और इस तरह के कृत्य सामूहिक अवमानना के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संबंध में कई निराधार आरोप लगाए हैं। ये प्रतिक्रिया के योग्य नहीं हैं क्योंकि वे भारत के आंतरिक मामलों से संबंधित हैं। मैं यहां दोहराना चाहता हूं कि जम्मू और कश्मीर का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। इसमें वह क्षेत्र भी शामिल है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की फर्स्ट कमेटी निरस्त्रीकरण, वैश्विक चुनौतियों और शांति के लिए खतरों से संबंधित है जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को प्रभावित करती है और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था में चुनौतियों का समाधान तलाशती है।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फटकार लगाई थी। कश्मीर का राग अलापने वाले इमरान खान को जवाब देते हुए भारत ने कहा था कि आतंकवाद पर पाकिस्तान की नापाक नीतियों का खामियाजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ा है। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां आतंकवादी बेरोक-टोक घूमते हैं। आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान सुरक्षित ठिकाना है।