नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील को लेकर केंद्र सरकार को चार मई तक जवाब दाखिल करना होगा। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटिशन पर सुनवाई हुई। बता दें कि पिछले साल राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन इसी महीने कोर्ट एक बार फिर इस मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया।
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केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से चार हफ्ते का मांगा था समय
बता दें कि केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का वक्त मांगा था, लेकिन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई अध्यक्षता में सुनवाई कर रही बेंच ने इतना लंबा समय देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हर हाल में सरकार को शनिवार यानी 4 मई तक जवाब दाखिल करना होगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई तक होगी।
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कोर्ट के फैसले के अनुसार लीक हुए दस्तावेज सुनवाई का होंगे हिस्सा
बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे में समीक्षा याचिकाओं पर केंद्र की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज कर रक्षा मंत्रालय से लीक हुए दस्तावेज की वैधता को मंजूरी प्रदान कर दी। कोर्ट के फैसले के अनुसार ये दस्तावेज सुनवाई का हिस्सा होंगे।
याचिका पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने की है दायर
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जांच की मांग ठुकरा दी थी, लेकिन उसके बाद याचिकाकर्ताओं ने कुछ नए दस्तावेज़ कोर्ट को सौंपे हैं और कहा है कि इसके आधार पर कोर्ट राफेल डील की जांच कराए। जांच की मांग संबंधी याचिका पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने दायर की है। इसमें याचिकाकर्ता वकील प्रशांत भूषण हैं।