कर्नाटक। कर्नाटक के हुबली शहर में देश के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि हिंसा से विकास प्रभावित होता है। शहर के बाहरी इलाके में भारत के सबसे बड़े ‘कौशल प्रशिक्षण केंद्र’ का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने कहा कि हिंसा देश के विकास को प्रभावित करेगी। इससे युवाओं के लिए मिलने वाले सुअवसरों में बाधा उत्पन्न होगी।
एम वेंकैया नायडू ने कहा कि लोकतंत्र में देशभक्ति का मतलब सरकार का समर्थन करना नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार का समर्थन कर सकता है और कोई इसका विरोध कर सकता है। किसी का विरोध किसी को भी दूसरों के विचारों को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लेने का अधिकार नहीं देता है।
Vice President M Venkaiah Naidu in Hubbali, Karnataka: Schooling & skilling must go together. The New Education Policy must address both skilling and scaling. Government of India and all the States to ensure that school-children were imparted skills in all spheres. pic.twitter.com/VqBBoS8uaU
— ANI (@ANI) February 2, 2020
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि उद्योग और कॉर्पोरेट क्षेत्र को अनुसंधान और विकास को मजबूत करने और युवाओं को 21 वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल बनाने के लिए विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ हाथ मिलाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूलिंग और स्किलिंग एक साथ जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति को स्किलिंग और स्कूलिंग दोनों को संबोधित करना चाहिए। भारत सरकार और सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को कौशल प्रदान किया जाए।
इससे पूर्व महादायी के लिए आंदोलन करने वाले किसानों ने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार को जल्द केंद्रीय राजपत्र में महादायी न्यायाधिकरण के फैसले को अधिसूचित करने का निर्देश दें। इसके जवाब में नायडू ने कहा कि वह महादायी आंदोलनकारी किसानों द्वारा सरकार को दिए गए ज्ञापन को आगे भेजेंगे।
उधर, रैयत सेना कर्नाटक के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष वीरेश सोबरदामठ के नेतृत्व में नायडू से मुलाकात की और महादायी मुद्दे पर चर्चा कर ज्ञापन सौंपा। उनका कहना था कि हमने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को क्षेत्र में किसानों के संघर्ष और पीने की पानी की कमी के कारण उत्पन्न दयनीय स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया। रैयत सेना ने रबी फसल की उपज की खरीद के लिए स्थायी केंद्र खोलने की भी मांग की।