इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पैंडोरा पेपर्स लीक मामले में अब प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। विपक्ष और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की तरफ से मांग की गई है कि इमरान को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इमरान की कैबिनेट के कई मंत्रियों का नाम भी इस सूची में आया है। हंगामे के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह इस मामले में देश के जिन भी लोगों के नाम आए हैं, वह सभी की जांच कराएंगे। विपक्ष का कहना है कि अभी तो इमरान के बारे में कई चीजें पता लगाने वाली हैं। उनका कहना था कि इमरान वो नेता हैं जिन्होंने पूरे देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम छेड़ी थी जबकि वो खुद को विदेशी तोहफों के सच पर बचाते आए हैं।
पीएमएल-एन ने इमरान पर लगाया आरोप
पीएमएल-एन के सेक्रेटरी अहसान इकबाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इमरान को अब इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनका नाम तोशखाना केस में आया है। साथ ही पैंडोरा पेपर्स में भी उनका नाम है। अहसान इकबाल के मुताबिक पैंडोरा पेपर्स में नाम आने के बाद अब उनके पास पद पर बने रहने का कोई भी नैतिक कारण नहीं रह जाता। इकबाल ने कहा कि अभी तो इमरान के बारे में कई चीजें पता लगाने वाली हैं।
उनका कहना था कि इमरान वो नेता हैं जिन्होंने पूरे देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम छेड़ी थी जबकि वो खुद को विदेशी तोहफों के सच पर बचाते आए हैं। इमरान पर पीएमएल-एन ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अभी तक देश को इस बारे में जानकारी नहीं दी है कि उन्हें कितने विदेशी तोहफे मिले हैं। इकबाल ने इमरान को पाकिस्तान में बढ़ती हुई महंगाई का दोषी भी ठहराया और कहा कि ये सब कुछ सरकार की गलत नीतियों का ही नतीजा है।
इकबाल के शब्दों में, आज जो व्यक्ति 25 हजार से 30 हजार रुपये कमाता है, वो सम्मानपूर्वक अपने पूरे घर का खर्च नहीं उठा सकता है। पैंडोरा पेपर्स ने 700 पाकिस्तानियों और पीएम इमरान की कैबिनेट में शामिल लोगों के नाम उजागर किए हैं। इनमें इमरान के वित्त मंत्री से लेकर उनके परिवार व बड़े वित्तीय सहायकों के नाम शामिल हैं। वित्त मंत्री शौकत फयाज तारीन और उनके परिवार के अलावा इमरान खान के पूर्व सलाहकार के बेटे वकार मसूद खान का नाम भी पैंडोरा पेपर्स में आया है। इसके अलावा उनकी पार्टी पीटीआइ के टाप डोनर आरिफ नकवी का नाम भी इसमें है। आरिफ इस समय अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
क्या है पंडोरा पेपर्स लीक
करीब 117 देशों के 150 संस्थानों के 600 पत्रकारों के बनाए इंटरनेशनल कांसोर्टियम आफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की तरफ से कहा गया है कि पाक के एलीट क्लास ने पनामा पेपर्स की खोज में आए प्रतिद्वंदी की सेवाओं का प्रयोग किया। पनामा पेपर्स में पूर्व पीएम नवाज शरीफ के परिवार का नाम आया था और इसकी वजह से ही तीन साल पहले इमरान को सत्ता पर काबिज होने में मदद मिली थी। गुप्त फाइलों को 14 विदेशी कंपनियों से हासिल किया गया और इसे दुनियाभर की 150 से ज्यादा न्यूज आर्गनाइजेशंस के साथ शेयर किया गया है।
इमरान खान ही नहीं, विश्व के कई बड़े नेताओं और अन्य हस्तियों के नाम इस सूची में आए हैं। इनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरु केन्यात्ता, एक्वाडोर के राष्ट्रपति गुलिरमो लासो भी शामिल हैं। इन सभी ने विदेशी संपत्तियों में अवैध तरीके से भारी निवेश किया है।