नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘आयुष्मान भारत’ योजना की तारीफ की है। कहा कि इसके क्रियान्वयन में तेजी लाकर देश कोविड-19 से बेहतर तरीके से निपट सकता है।
डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने कोविड-19 पर कहा कि निस्संदेह कोविड बहुत दुर्भाग्यपूर्ण
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने कोविड-19 पर कहा कि निस्संदेह कोविड बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कई राष्ट्रों के समक्ष गंभीर चुनौती है, लेकिन हमें इसमें अवसर भी तलाशने होंगे। भारत के लिए यह आयुष्मान भारत को गति देने का अवसर साबित हो सकता है, खासकर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस करते हुये।
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जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढांचों को मजबूत करने पर भी दिया जा रहा है जोर
मोदी सरकार की महत्त्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत के तहत सरकार ने 10 करोड़ गरीब परिवारों को सालाना पांच लाख रुपये की नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। साथ ही इसमें जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढांचों को मजबूत करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
श्री तेद्रोस ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और जन भागीदारी के जरिये हम महामारी की लहर का रुख मोड़ सकते हैं। भारत ने जो योजना शुरू की है उसका भरपूर इस्तेमाल करने और उसके क्रियान्वयन को गति देने से उसे लाभ हो सकता है। सरकार आयुष्मान भारत को तेजी से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ आयुष्मान भारत की तारीफ करता रहा है और यह इस योजना को कसौटी पर कसने तथा गति देने के लिए अच्छा अवसर हो सकता है। इस महामारी से लड़ने में इसका पूरा इस्तेमाल किया जाना चाहिये।