वाराणसी। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर बाजार में मास्क और सैनिटाइज़र की मांग बढ़ गई है। इसके बाद इन उत्पादों की कालाबाजारी में भी बढ़ोत्तरी की खबरें लगातार आ रही हैं।
कालाबाजारी की ख़बरों के बीच आम जनता के लिए आईआईटी बीएचयू ने उठाया बड़ा कदम
कालाबाजारी करने वाले व्यापारी आम सैनिटाइज़र को स्पेशल बताकर भी बाजारों में बेच रहे हैं। इन ख़बरों के बीच आम जनता के लिए आईआईटी बीएचयू ने बड़ा कदम उठाया है। बीएचयू के बायो मेडिकल डिपार्टमेंट ने अब हर्बल सैनिटाइज़र बनाकर आमजन तक पहुंचाने की बीड़ा उठाया है। इसे लेकर आईआईटी बीएचयू ने फ्री क्लासेस की भी पहल की है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक उत्पादों से बनाया सस्ता सैनिटाइजर
बाजार में बढ़ती सैनिटाइज़र की मांग को देखते हुए बायो केमिकल विभाग ने सैनिटाइज़र बनाने का निर्णय लिया है। सबसे पहले डिपार्टमेंट ने इस हर्बल सैनिटाइज़र को बनाकर बीएचयू परिसर में छात्र-छात्राओं को वितरित किया है।
पूरी तरह सुरक्षित है ये हर्बल सैनिटाइज़र: डॉ मार्शल
बायो मेडिकल डिपार्टमेंट के डीन डॉ. मार्शल धयाल ने बताया कि सैनिटाइज़र को बाकायदा लैब में बनाया गया है, जो पूरी तरह से सुरक्षित है। इस सैनिटाइज़र को बनाने के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों व नैनो साइज़ के चांदी के टुकड़े को पानी में मिलाकर नैनो सिल्वर पार्टिकल तैयार किया गया है। जिसके बाद इसे सैनिटाइज़र में थोड़ी मांत्रा में मिलाने से हर्बल सैनिटाइज़र तैयार किया जा रहा है।
बीएचयू के छात्रों में बांटा गया हर्बल सैनिटाइज़र
पता चला कि कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद सेनिटाइज़र की बाजारों में कमी होने के बाद से डॉ मार्शल ने अपने टीम के साथ इसे बनवाना शुरू कर दिया। इसके बाद टीम के साथ बीएचयू में परिसर में भी वितरित किया गया। अब इनकी टीम आमजन तक इसे पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएगी।
उन्होंने बताया कि लैब में दो घंटे में 10 लीटर हर्बल सैनिटाइज़र बनाया जा रहा है। आईआईटी बीएचयू में सम्पर्क कर कोई भी व्यक्ति इसे बनवा कर अपने पास ले जा सकता है। इसके साथ ही इसे घर में बड़े ही आराम से बनाने के लिए आईआईटी बीएचयू फ्री क्लास भी चलाएगी ताकि ये सुविधा जन जन तक पहुंच जाए।