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अगर बेटियों को परिवार का साथ मिले तो वह को अपने कदमों में झुका सकती हैं दुनिया

झुका सकती हैं दुनिया

झुका सकती हैं दुनिया

लखनऊ। अगर बेटियों को परिवार का साथ मिले तो वह दुनिया को अपने कदमों में झुका सकती हैं। ऐसी ही कहानी है खेल की दुनिया में अपना नाम रोशन करने वाली इस बेटी की। जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत से मुकाम हासिल किया और अब भी अपने लक्ष्य को साधने में लगी हुई है।

बन गईं कराटे की चैम्पियन

प्राची वर्मा के माता-पिता से डॉक्टर ने कहा कि लड़की कमजोर है। सेहत के लिए फिटनेस पर ध्यान देना होगा। इसे देखते हुए मां ने कराटे क्लास में एडमिशन करा दिया। खेलते-खेलते वह कराटे की राष्ट्रीय चैम्पियन बन गईं। आज उनकी कराटे टेक्निक के आगे अच्छे-अच्छे मात खाते हैं। बीएससी की पढ़ाई के साथ-साथ प्राची वर्मा की कराटे प्रैक्टिस व विभिन्न प्रतियोगिताओं में भागीदारी जारी है। खास बात है कि छोटी-सी उम्र में वे छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देती हैं।

लड़कियों को सेल्फ डिफेंस टेक्निक का इस्तेमाल करना आना चाहिए

प्राची बताती हैं कि तीन भाई-बहन हैं वे लोग। भाई बड़ा और बहन छोटी है। मम्मी हाउस वाइफ हैं और पापा आरडीएसओ में हैं। फिलहाल फोकस बीएससी की पढ़ाई पर है। हंसते हुए बताती हैं, पहले थोड़ा-थोड़ा डर लगता था, अब तो सब हमसे डरते हैं। कराटे है ही ऐसी टेक्निक कि कोई आपसे पंगा नहीं लेगा। प्राची के मुताबिक, लड़कियों को सेल्फ डिफेंस टेक्निक का इस्तेमाल करना आना चाहिए।

प्राची अगला लक्ष्य ओलंपिक में मेडल जीतना

प्राची कहती हैं कि अब तो ओलंपिक में भी कराटे को शामिल कर लिया गया है, इसलिए अगला लक्ष्य ओलंपिक में मेडल जीतना है।

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