नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 4 मई को अचानक रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ा दिए। कुछ अन्य नीतिगत दरों में वृद्धि की गई। रेपो रेट बढ़ाने की घोषणा के साथ ही बैंकों ने लोन की दरों (Home loan) में बढ़ोतरी का फैसला लेना शुरू कर दिया। कुछ बैंकों ने तो ब्याज दरें बढ़ा भी दी हैं जिनमें प्राइवेट बैंक आईसीआईसीआई बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं।
रेपो रेट बढ़ने के अगले दिन यानी कि 5 मई को ही इन दोनों बैंकों ने होम लोन (Home Loan) पर ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान कर दिया। अगर आप आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) के ग्राहक हैं और होम लोन लिया है, तो नई दरें और ईएमआई की जानकारी जरूर रखनी चाहिए।
मान लें, आपने ICICI Bank से 35 लाख रुपये का होम लिया है। रेपो रेट बढ़ने के बाद आपकी नई ब्याज दर 7.10 परसेंट से 7.55 परसेंट तक हो सकती है। सिबिल स्कोर ठीक हो तो ब्याज कुछ कम लगेगा। आपने 20 साल के लिए लोन लिया है और रेट 6,70 परसेंट है।
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इस हिसाब से ईएमआई 26,509 रुपये होगी। रेपो रेट बढ़ने के बाद होम लोन की नई दर 7.10 परसेंट होगी और नई ईएमआई 27,346 रुपये होगी। इस तरह होम लोन की ईएमआई में 837 रुपये का उछाल देखा जाएगा। यानी कि होम लोन पर हर महीने आपको 837 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।
कितने लोन पर कितनी ईएमआई (EMI)
अगर कोई व्यक्ति 35 लाख से लेकर 75 लाख रुपये तक का होम लोन लिया है, तो ब्याज दर 7.10 परसेंट से 7.70 परसेंट के बीच होगी। ब्याज दर का घटना या बढ़ना सिबिल स्कोर पर भी निर्भर करेगा। 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है तो नई ब्याज दर 7.10 परसेंट होगी। हालांकि जिन लोगों ने पहले लोन लिया है, उन्हें 6.70 परसेंट की दर से ईएमआई भरनी होगी। लोन की अवधि 20 साल की होगी और मौजूदा ईएमआई 37,870 रुपये होगी। रेपो रेट बढ़ने के बाद ब्याज दर 7.10 फीसदी हो जाएगी और ईएमआई बढ़कर 39,066 रुपये होगी। इस तरह पुरानी ईएमआई से 1196 रुपये अधिक रकम चुकानी होगी। आपकी जेब पर हर महीने 1196 रुपये का दबाव बढ़ेगा।
अगर 75 लाख रुपये का लोन लिया और उसकी अवधि 20 साल की है तो ईएमआई का हिसाब कुछ इस प्रकार बनेगा। मौजूदा दर 6.70 फीसदी की दर से 60,592 रुपये की ईएमआई बनेगी। रेपो रेट बढ़ने के बाद होम लोन की दर 7.10 परसेंट हो जाएगी। नई ईएमआई 62,506 रुपये की होगी। इस तरह पुरानी और नई ईएमआई में 1914 रुपये का फर्क आएगा। हर महीने 1914 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। रेपो रेट बढ़ने का यह सबसे बड़ा असर है कि होम लोन पर अचानक ईएमआई का खर्च बढ़ जाता है।