मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बहुमत परीक्षण के 24 घंटे पहले ही अपना इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि अब इसके बाद मैं राजभवन जाऊंगा और अपना इस्तीफा दूंगा। मैं उन सभी को शुभकामना देता हूं जो भी सरकार बनाएंगे। लेकिन यह एक बहुत ही अस्थिर सरकार होगी क्योंकि इसमें बहुत अंतर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फडणवीस ने मंगलवार दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह ऐलान किया।
Devendra Fadnavis: I doubt that this three-wheeler govt will be stable but BJP will work as an effective opposition and try to raise the voice of people https://t.co/23OXat2Lki
— ANI (@ANI) November 26, 2019
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमारे शिवसेना भाजपा गठबंधन को दिल खोलकर मतदान दिया। भाजपा को संपूर्ण जनादेश देकर सबसे बड़ी पार्टी बनाया। हमने शिव सेना के साथ ही चुनाव लड़ा। लेकिन यह भाजपा का जनादेश इसलिए कह रहा हूं क्योंकि शिव सेना का 40 फीसदी का स्ट्राइक रेट था और हमारा 60 फीसदी। वो जनादेश गठबंधन को था, लेकिन भाजपा को ज्यादा।
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि सत्ता की भूख ऐसी है कि अब शिवसेना के नेता भी सोनिया गांधी के साथ सहयोगी होने को तैयार हैं। फड़नवीस ने कहा कि हमने लंबे समय तक उनका (शिवसेना) इंतजार किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बजाय कांग्रेस- राकांपा से बातचीत शुरू की। जो लोग किसी से मिलने के लिए मातोश्री (ठाकरे निवास) के बाहर कदम नहीं रखते थे, वे एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के लिए घर-घर जा रहे थे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि विधान सभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत महायुति को दिया गया और भाजपा को अधिकतम 105 सीटें मिलीं। उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना के साथ चुनाव लड़ा, लेकिन यह जनादेश बीजेपी के लिए था क्योंकि बीजेपी ने हमारे द्वारा लड़ी गई सभी सीटों में से 70 प्रतिशत सीटें जीतीं। देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि शिवसेना ने चुनाव से पहले कहा था कि वह किसी के भी साथ जाएंगे, जो उन्हें सीएम पद दे। अब हमारे पास बहुमत नहीं है। अब मैं इस्तीफा दे रहा हूं।
देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि शिव सेना और कांग्रेस अलग-अलग विचारधारा की पार्टियां हैं। विपरीत विचारधारा के बाद भी ये तीनों दल सिर्फ सत्ता के लिए साथ आए। जनता ने भाजपा को जनादेश दिया था। मगर हमारे पास बहुमत नहीं है, इसलिए अब हम विपक्ष में बैठेंगे और नई सरकार को काम करना सिखाएंगे।