नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार द्वारा राज्य आपदा राहत कोष के केंद्रीय हिस्से की दूसरी किस्त को मंजूरी दे दी है। गृह मंत्री ने 7,274.40 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है जो ये राशि 23 राज्यों को दी जाएगी। जबकि 5 राज्यों को पहले ही दूसरी किस्त 1,599.20 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी की जा चुकी है। केंद्र सरकार के इस कदम से राज्यों को कोरोना से मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने में मदद मिलेगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य सरकारों के पास अब उनके एसडीआरएफ में 23,186.40 करोड़ रुपये की राशि होगी। एसडीआरएफ के पास जो राशि है वह पहले की बची शेष राशि से अलग है। इस राशि को कोविड-19 के मृतकों के परिजनों और अन्य आपदाओं के राहत कार्य पर खर्च करना होगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने 25 सितंबर को एसडीआरएफ के तहत मदों और सहायता के मानदंडों को संशोधित करने का आदेश जारी किया था। जिसके बाद कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों को भी अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने यह कदम उठाया था।
कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मिलेगा 50 हजार रुपए मुआवजा
अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कोरोना से मरने वालों लोगों के परिवार को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों के लिए अनुग्रह राशि पर दिशानिर्देश जारी किया है। एनडीएमए ने राज्यों द्वारा राज्य आपदा राहत कोष से भुगतान करने के लिए 50 हजार रुपये निर्धारित किया है। हलफनामे में कहा है कि अनुग्रह राशि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फण्ड से दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
बता दें कि कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने की नीति तय न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने केंद्र को मुआवजा नीति बनाने के अलावा डेथ सर्टिफिकेट में मौत की सही वजह दर्ज करने की व्यवस्था बनाने के लिए भी कहा था। मामले में अब तक जवाब दाखिल न होने पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि आप जब तक कदम उठाएंगे, तब तक तीसरी लहर भी आकर जा चुकी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था मुआवजा देने का आदेश
30 जून को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने देश में कोरोना से हुई हर मौत के लिए मुआवजा देने को कहा था। कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी से कहा था कि वह 6 हफ्ते में मुआवजे की रकम तय कर राज्यों को सूचित करे। कोर्ट ने माना था कि इस तरह की आपदा में लोगों को मुआवजा देना सरकार का वैधानिक कर्तव्य है। लेकिन मुआवजे की रकम कितनी होगी, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर ही छोड़ दिया था। मामले के याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि अस्पताल से मृतकों को सीधा अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा है।