बिजनेस डेस्क। जहां हर साल इस होली पर लोगों की कमाई दोगुनी-चौगुनी हो जाती थी, वहीं इस बार होली ने कई लोगों को नाराज कर दिया है। इन सभी परेशानियों का कारण कोई और नहीं बल्कि कोरोना वायरस है। जिससे आज पूरी दुनिया दहशत में बनी हुई है।
आगरा में इस कोरोना वायरस ने होली के रंग में भंग डाल दिया है। कारोबार आधा भी नहीं रह गया है। पिछले साल पर्व के दौरान 15 करोड़ रुपये तक का व्यापार हुआ था। इस बार सात करोड़ भी नहीं हुआ है।
यह पहला ऐसा मौका है, जब त्योहार पर ऐसे हालात बन गए हैं। दुकानों पर सामान सजा हुआ है, लेकिन खरीदने वाले नदारद हैं। पर्व में सबसे ज्यादा पिचकारी, रंग-गुलाल, मिष्ठान, खानपान का सामान बिकता है।
निरस्त होते होली मिलन समारोह से खरीदारों की संख्या बेहद कम रह गई। तो इधर, बारिश ने भी मिजाज बिगाड़ने का काम किया। इस समय छोटी दुकान से लेकर बड़े शोरूम तक में ग्राहकों के लाले पड़े हुए हैं।
ऑर्डर में कटौती
घर बैठकर खाने के ऑर्डर मंगवाने की संख्या भी घटकर 30 फीसदी रह गई। जोमेटो कंपनी के एक डिलीवरी ब्वॉय ने बताया कि बीते वर्ष तक हमारे पास ऑर्डर फुल लगे रहते थे। रोजाना 500 ऑर्डर तक डिलीवरी होते थे। अब 150 ही रह गए हैं।
ग्राहकों की संख्या हुई 25 फीसदी
मिष्ठान विक्रेता जय अग्रवाल ने बताया ऐसे हालात पहले कभी नहीं देखे हैं। हमारे शहर के सभी शोरूम में ग्राहकों की संख्या 25 फीसदी रह गई है। अब सिर्फ दो दिन ही रह गए हैं, जिसमें बिक्री बढ़ सकती है।
गुझिया-नमकीन बनाना किया कम
मिष्ठान विक्रेता शिशिर भगत बताते है हमने बिक्री के लिए ठंडाई के ग्लास तैयार किए थे, लेकिन स्थिति को देखते हुए ग्राहकों को निशुल्क देने पड़े। जबकि इस समय तक यह बचते नहीं थे। हालात को देखते गुझिया-नमकीन को बनाना कम कर दिया है।
रंग-गुलाल की बिक्री भी चौपट
रंग-पिचकारी विक्रेता राजेंद्र सिंह का कहना है पहले चीन से आने वाली पिचकारी महंगी हुई। जिसने खरीदारी प्रभावित की। अब होली मिलन निरस्त होने से रंग-गुलाल की बिक्री भी चौपट हो चुकी है।