हिमाचल प्रदेश। जिसके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा और जुनून होता हैं वो किसी भी हालात में हार नही मानते। चाहे वो एक स्वस्थ इंसान हो या कोई विकलांग। उनके जज्बे और जुनून के आगे कोई भी तूफान नही टिक सकता।
ऐसा हमारे देश की एक युवती ने कर दिखाया। प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून में पीएचडी कर रहीं प्रियंका ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा के लिए चयनित होकर इतिहास रच दिया है। उनकी नियुक्ति बतौर सब जज होगी।
उनका कहना है कि यदि दृढ़ निश्चय हो तो एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है। कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने प्रियंका को बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद ईसी के सदस्य और विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा शनिवार शाम को राज्य न्यायिक सेवा परीक्षा परिणाम घोषित किया गया।
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प्रियंका ठाकुर ने एलएलएम की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करके पीएचडी में दाखिला लिया है। उन्होंने यूजीसी नेट की कठिन परीक्षा भी उत्तीर्ण की।
कांगड़ा के इंदौरा के गांव वडाला की प्रियंका ठाकुर के पिता सुरजीत सिंह बीएसएफ में इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए हैं और माता सृष्टा देवी गृहणी हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र से एलएलबी की परीक्षा पास करने के बाद प्रियंका ने विश्वविद्यालय परिसर से एलएलएम किया है।